आजम और उनकी पत्नी के खिलाफ जालसाजी के मुकदमे में विवेचना शुरू
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा और बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।
गंज थाने में गुरुवार को आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। यह रिपोर्ट भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सैना की ओर से कराई गई। रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र हैं। पहला जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बनवाया गया। 28 जून 2012 को जारी किए गए इस प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की जन्म तिथि एक जनवरी 1993 है, जो आजम खां और उनकी पत्नी तजीन फातमा द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें जन्म स्थान रामपुर दर्शाया गया है। दूसरा जन्म प्रमाण पत्र 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम के द्वारा जारी किया गया है, जिसमें जन्म स्थान लखनऊ दर्शाया गया है। रामपुर नगरपालिका द्वारा जारी किए गए पहले जन्म प्रमाण पत्र से अब्दुल्ला आजम ने पासपोर्ट बनवाया और विदेशी यात्राएं कीं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीना का कहना है है कि रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है। पहला पर्चे की लिखापढ़ी कर दी गई है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने दिए जांच के आदेश
जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह ने भी इस प्रकरण में जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल आकाश सक्सैना ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत नगर पालिका रामपुर के अधिशासी अधिकारी से जानकारी मांगी थी। जवाब में अब्दुल्ला आजम का जन्म प्रमाण पत्र तो उपलब्ध करा दिया, लेकिन जिस शपथ पत्र के आधार पर प्रमाण पत्र बनाया गया, उसके आग में जल जाने की बात कही गई। कहा है कि आठ मई 2015 को नगरपालिका के प्रथम तल पर शार्ट सर्किट से आग लग गई थी, उसी में रिकार्ड जल गया। आकाश सक्सैना ने शपथ पत्र आग में जल जाने के मामले में डीएम से जांच कराने की मांग की। डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं। आकाश का कहना है कि अगर पालिका में आग लगती तो तभी रिपोर्ट होनी चाहिए थी।