कोरोना काल में गरीबों के मददगार बने अवतार
मुस्लेमीन रामपुर कोरोना काल में तमाम लोगों ने जरूरतमंदों की मदद की। लेकिन रामपुर में अवतार सिंह का नाम इनमें सबसे पहले लिया जाता है।
मुस्लेमीन, रामपुर : कोरोना काल में तमाम लोगों ने जरूरतमंदों की मदद की। लेकिन, रामपुर में अवतार सिंह का नाम इनमें सबसे पहले लिया जाता है। वीर खालसा सेवा समिति के नाम से संस्था चलाने वाले अवतार ने लाक डाउन के दौरान अपनी टीम के साथ दिन रात काम किया। जरूरतमंदों को उनके घरों तक जरूरत का सामान पहुंचाया। भोजन के पैकेट से लेकर आटा, दाल, चावल, तेल, मसाले आदि सामग्री के बैग बनाकर गरीबों में वितरित किए। रोजाना करीब 500 लोगों की मदद की। सड़कों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को भी लगातार नाश्ता कराया। इस काम के लिए जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने उन्हें सम्मानित भी किया।
कोरोना काल में मजदूर तबका सबसे ज्यादा परेशान रहा। प्रवासी मजदूरों ने सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपना सफर तय किया। दिल्ली और और दूसरे शहरों से अपने घरों को लौट रहे हजारों मजदूर रामपुर से होकर भी गुजरे। भूख से परेशान इन मजदूरों की समस्या को अवतार सिंह ने गंभीरता से लिया और अपनी समिति के सदस्यों से बात कर आनन फानन में गुरुद्वारे में भोजन तैयार कराने की व्यवस्था की। समिति के दर्जनभर सदस्य मजदूरों को भोजन के पैकेट मुहैया कराने में जुट गए। 10 हजार मजदूरों को पैकेट बांटे। इसके साथ ही शहर में 10 हजार भूखे परिवारों को भी भोजन के पैकेट दिए। 26560 गरीबों को राशन भी मुहैया कराया। इसके लिए उन्हें रोज प्रशासन द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम से बताया जाता कि उन्हें किन लोगों के यहां राशन या भोजन पहुंचाना है। कुछ लोगों ने समिति से सीधे भी संपर्क किया। समिति ने रोज करीब पांच सौ लोगों की मदद की। भोजन और राशन के साथ ही पचास मरीजों को दवा भी उपलब्ध कराई। आठ हजार लोगों को मास्क बांटे। एक हजार लीटर सैनेटाइजर से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थलों पर छिड़काव कराया। कोरोना काल में ही समिति की ओर से तीन रक्तदान शिविर भी लगाए। अवतार सिंह ने तीनों शिविर में खुद भी रक्तदान किया। अवतार सिंह कहते हैं कि वह जीवन में 34 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके लिए उन्हे 12 साल से विश्व रक्तदाता दिवस पर सीएमओ की ओर से सम्मानित किया जा रहा है। सेवा करते हुए खो दिया एक साथी
कोरोना काल में अवतार सिंह ने समाज सेवा में जुटे एक साथी को भी खो दिया। लाक डाउन में परमजीत सिंह उर्फ राजू तन मन धन से गरीबों की सेवा में जुटे थे। लोगों को घर-घर जाकर राशन पहुंचा रहे थे। यह सब करते-करते वह कोरोना संक्रमित हो गए गए और चंद रोज में ही उनका निधन हो गया। अवतार सिंह कहते हैं कि उन्हे राजू भाई की मौत का बड़ा दुख है। वह बचपन के साथी थे और समिति के सक्रिय सदस्य थे। जरूरतमंद की सेवा के लिए वह आधी रात भी तैयार रहते थे। 17 साल से कर रहे समाज सेवा
अवतार सिंह जनवरी 2004 से समिति बनाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनकी समिति में 120 सदस्य हैं। ये लोग आपस में चंदा करते हैं। समिति के कार्यों को देख समाज के गणमान्य लोग भी हरसंभव सहायता करते हैं।