फर्जी दस्तावेजों से लोन लेने वाला आरोपित गिरफ्तार
टांडा (रामपुर) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक करोड़ 67 लाख का लोन प्राप्त करने वाले मुख्य आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार का चालान कर दिया।
टांडा (रामपुर) : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक करोड़ 67 लाख का लोन प्राप्त करने वाले मुख्य आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार का चालान कर दिया।
प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक सेंटाखेड़ा के शाखा प्रबंधक सत्य प्रिय सैनी की ओर से 10 अक्टूबर को गांव गुलड़िया थाना शाहबाद निवासी छत्रपाल सिंह, नेक पाल, प्रदीप, रवि कुमार, सोनू सागर, वीर पाल सिंह, सुरेश चंद, सोनू, चंद्रसेन, अनिल, राहुल, प्रेम पाल, अबरार, अफजाल, मुनेश, राजीव, जगदीश, जितेंद्र, ओमकार, खेम सिंह, सुखवीर, जगदीश, रामस्वरूप, बलवीर, सोहन लाल, बिलासपुर निवासी अफसर अली,लक्ष्मीपुर काशीपुर उत्तराखंड निवासी मुरारी, पवन वर्मा, अंकुश, जहांगीरपुर संभल निवासी सुनील, थाना बिलारी मुरादाबाद निवासी राजू, प्रेम पाल,जगवीर, सोनू आदि 34 लोगों के खिलाफ दो माह पूर्व फर्जी आधार कार्ड, फर्जी खसरा, खतौनी से एक करोड़ 67 लाख रुपये का ऋण प्राप्त करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच क्राइम प्रभारी अरविद त्यागी को सौंपी गई थी। जांच में बैंक के लीगल एडवाइजर राजेश कुमार सक्सेना, बैंक के फील्ड ऑफीसर समीर कुमार तथा गांव सहरिया जवाहर निवासी इरफान प्रकाश में आये हैं। पुलिस ने इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
विवेचक व क्राइम प्रभारी अरविद त्यागी ने बताया कि इरफान इसमें मुख्य आरोपित है। जिसने बैंक कर्मियों व ग्रामीणों से सांठ-गांठ कर ऋण पास कराया। उनसे कहा कि प्रधान मंत्री ऋण योजना में एक लाख रुपये तक की छूट है। उन्हें केवल आधार कार्ड आदि देना है। रकम वह जमा करा देगा। ग्रामीणों को झांसे में लेकर उनके आधार कार्ड लेकर फर्जी बना लिए गए। उसके बाद उनसे विड्राल फार्म पर हस्ताक्षर करा लिए और चार से पांच लाख रुपये तक का ऋण हासिल कर लिया। जबकि झांसे में आए लोगों को केवल 25 से पचास हजार रुपये तक दिए। बाकी रकम खुद हड़प ली। बैंक कर्मियों ने जांच की तो मामला फर्जी निकला। मंगलवार को पुलिस ने मुख्य आरोपित इरफान को गिरफ्तार कर