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400 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं के नहीं खुले बैंक खाते

रामपुर : ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति के तहत आशा कार्यकर्ताओं के बैंक खाते खोलने में स्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 11:21 PM (IST)
400 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं के नहीं खुले बैंक खाते
400 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं के नहीं खुले बैंक खाते

रामपुर : ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति के तहत आशा कार्यकर्ताओं के बैंक खाते खोलने में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ढिलाई बरत रहे हैं। 888 आशाओं के खाते खोले जाने हैं। इसके इतर 50 फीसद ही खाते खोले जा सके हैं। खाता खोलने में सबसे खराब स्थिति स्वार ब्लाक की है। यहां 120 आशाओं के खाते खुलने हैं, लेकिन अभी तक एक भी आशा का खाता नहीं खुल पाया है। इसी तरह टांडा में 75 आशाओं के विपरित 20 के ही खाते खुल पाए हैं। शाहबाद में 161 में 57, सैदनगर में 99 में 65, चमरौआ में 112 में 81 और मिलक ब्लाक में 180 में 113 आशाओं के खाते खुल पाए हैं। इस सुस्ती को लेकर पिछले माह जिलाधिकारी नाराजगी भी जता चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ मानी जाने वाली आशा कार्यकर्ता पर सरकार का भरोसा बढ़ता जा रहा है। बिना मानदेय और बिना वेतन पर काम करने वाली आशा को पहली बार सरकारी खाते में हिस्सेदार बनाया है। गांव में साफ-सफाई को बनी ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति के खाते में अब प्रधान के साथ आशा संयुक्त खातेदार बनेगी। पहले इसमें प्रधान और एएनएम संयुक्त रूप से खाते का संचालन करते थे। ऐसे काम करती है समितिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर इस समिति का गठन किया गया है, जिसमें प्रधान अध्यक्ष, एएनएम उपाध्यक्ष एवं आशा सदस्य सचिव होती हैं। छह सदस्य भी होते हैं। समिति का काम गांव में साफ सफाई रखना, मच्छर जनित बीमारी फैलने पर दवा का छिड़काव कराना, साफ पानी की व्यवस्था करना आदि होता है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक राजस्व गांव को 10 हजार रुपए का बजट दिया जाता है। इस बजट को खर्च समिति की आपसी सहमति के बाद खर्च किया जाता है। इसके लिए बैंक में प्रधान और आशा का संयुक्त खाता खोला जा रहा है। दोनों के हस्ताक्षर के बाद ही रकम निकाली जा सकेगी। क्या कहते हैं अधिकारीजिले में 888 आशा कार्यकर्ताओं के बैंक खाते प्रधान के साथ संयुक्त रूप से खोले जाने हैं। इसकी जिम्मेदारी सीएचसी और पीएचसी पर तैनात प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की है। अभी 447 खाते ही खुल सके हैं। पिछले माह जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह ने खाते खोलने में ढिलाई पर नाराजगी जताई थी।

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-सभी चिकित्सा प्रभारियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मोहम्मद नाजिर, जिला प्रबंधक एनएचएम।


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