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जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से 17 बीघा जमीन मुक्त Rampur News

ग्राम पंचायत के कब्जे में दी ग्राम प्रधान को दखलनामा सौंपा। 17 चकरोड़ों की जमीन पर कब्जा मुक्त करने के मिले थे आदेश।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 07:34 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 07:34 PM (IST)
जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से 17 बीघा जमीन मुक्त  Rampur News
जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से 17 बीघा जमीन मुक्त Rampur News

रामपुर, जेएनएन। सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोडों की पैमाइश का काम पूरा कर लिया गया है। यूनिवर्सिटी के कब्जे में 17 बीघा जमीन को मुक्त करा लिया गया है। 

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राजस्व टीम पहुंची थी विश्वविद्यालय 

राजस्व परिषद ने 11 चकरोडों की 17 बीघा जमीन को खाली कराने के आदेश दिए थे। इसके अनुपालन में राजस्व टीम गुरुवार को यूनिवर्सिटी पहुंची थी और चार चकरोड की पैमाइश कर ली थी। बाकी चकरोड की पैमाइश के लिए तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार के नेतृत्व में टीम शुक्रवार को यूनिवर्सिटी पहुंची। तहसीलदार ने बताया कि  सभी चकरोड की पैमाइश कर ली गई है। सींगनखेड़ा की ग्राम प्रधान ओमवती को दखल नामा भी दे दिया गया है। एक चकरोड पर निर्माणाधीन मेडिकल कालेज की दीवार बनी है, जबकि दूसरे में निर्माणाधीन इमारत आ रही है। तीसरा चकरोड उस जमीन पर है, जो अनुसूचित जाते के लोगों से बिना परमीशन खरीदी गई थी। चौथे चकरोड में वाइस चांसलर आवास का कुछ हिस्सा आ रहा है। भूमि पर ग्राम पंचायत को कब्जा दिला दिया गया है। ग्राम प्रधान को दखलनामा सौंप दिया है। 

 यह है पूरा मामला

 सपा आजम खां ने शासनकाल में चकरोड की जमीन यूनिवर्सिटी परिसर में ले ली थी और इसके बदले दूसरी जमीन दी थी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस संबंध में शासन व प्रशासन में शिकायत की थी। आरोप लगाया कि सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते आजम खां ने नियमविरुद्ध तरीके से चकरोड की जमीन अभिलेखों में हेराफेरी कर अपनी यूनिवर्सिटी में मिला ली। शिकायत की जांच के बाद जिलाधिकारी ने राजस्व परिषद प्रयागराज में चार वाद दायर कराए थे। पिछले दिनों राजस्व परिषद प्रयागराज ने चकरोड की जमीन खाली कराने के आदेश दिए थे। इसी आदेश पर अमल करते हुए चकरोडों की जमीन की पैमाइश कराई जा रही है।

 बसपा सरकार में टूटी थी चकरोडों पर बनी दीवारें  

बसपा शासन काल में 2007 में चकरोडों पर कब्जे की शिकायत पर विवि की दीवारों को तोड़ा गया था। इस बार भी विभागीय प्रक्रिया के बाद कब्जे को मुक्त किया जा सकता है। हालांकि अधिकारी अभी कुछ कहने से बच रहे हैं।


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