जल संरक्षण के लिए मनरेगा से बन रहे 112 तालाब
जल संरक्षण के लिए मनरेगा से बन रहे 112 तालाब
रामपुर : बारिश का पानी सहेज कर भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने की कवायद को अब मनरेगा योजना से पंख लगेंगे। जनपद में जल बचाओ अभियान के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष में 112 नए तालाबों का निर्माण किया जाएगा। इसको लेकर जिले सभी ब्लॉकों में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वहीं अवैध कब्जों को लेकर प्रशासन यदि सजग हो जाए तो जिले के चार हजार तालाबों को भी जीवन मिल जाएगा।
देश के कई इलाकों में भूगर्भ जलस्तर नीचे खिसक जाने से आमजन को पीने का पानी उपलब्ध कराना सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन गई है। नदी और नहरों के सूख जाने से गांवों में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पशुओं को नहलाने व खेतों की सिचाई के लिए तालाब, पोखरों और नहरों के भरोसे होते हैं, लेकिन जिले में हालात ये हैं कि चार हजार तालाबों में से अनेक लुप्त हो चुके हैं या फिर लुप्त होने के कगार पर हैं। प्रशासन की ढीलमढाल के चलते इन तालाबों पर से कब्जे नहीं हटवाए जा रहे हैं। सिचाई के लिए भी किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है।
कृषि वैज्ञानिक अमरजीत सिंह राठी बताते हैं कि यदि मानसूनी सीजन में होने वाली बारिश के पानी को ही सहेज लिया जाए तो इन सभी समस्याओं का काफी हद तक समाधान हो सकता है। मौजूदा समय में बारिश के पानी को बचाने की कवायद न होने के चलते पानी का काफी हिस्सा बेकार चला जाता है। पानी बचाने की कोशिशों के तहत इस साल जिले में जल बचाओ अभियान के अंतर्गत 110 तालाबों का निर्माण कराए जाने का लक्ष्य दिया गया है। बाद में इसमें दो तालाब और जोड़ लिए गए हैं। ऐसे में अब 112 तालाबों को निर्माण मनरेगा योजना के अंतर्गत करवाया जाएगा। इनके बनने के बाद बारिश के पानी को सहेजने का मकसद काफी हद तक पूरा हो सकेगा। पिछले वर्ष 248 तालाबों का निर्माण करवाया गया था। अब जिले के सभी ब्लॉकों में मनरेगा योजना के अंतर्गत 112 तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा है। कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। बहुत जल्द ये तालाब बन कर तैयार हो जाएंगे। 15 तालाब तो बन कर तैयार भी हो चुके हैं।
शिवेंद्र कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी