साइकिल यात्रा कर रामपुर से लखनऊ तक लगा डाले 1100 पौधे
लेकिन उनका अभियान मात्र समाचार पत्रों की सुर्खियों और सोशल साइट्स पर लाइक और कमेंट्स की चाह तक ही सिमट कर रह जाता है।
क्रान्ति शेखर सारंग, रामपुर : पर्यावरण पर जिस तरह का संकट आज मंडरा रहा है, उसे देखते हुए इसके संरक्षण की बहुत आवश्यकता है। बहुत से लोग इसके लिए कदम बढ़ाते भी हैं। लेकिन, उनका अभियान मात्र समाचार पत्रों की सुर्खियों और सोशल साइट्स पर लाइक और कमेंट्स की चाह तक ही सिमट कर रह जाता है।
ऐसे में जनपद की शाहबाद तहसील के भंवरका गांव के रहने वाले कबड्डी खिलाड़ी सुनील यादव ने पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए साइकिल यात्रा अभियान शुरू किया है। पर्यावरण बचाने के लिए पौधे लगाने की लगन उन्हें ऐसी लगी कि 21 अगस्त को वह साथी अभिषेक के साथ साइकिल से लखनऊ तक की यात्रा पर निकल पड़े। रास्ते में जहां भी पड़ाव होता, लोगों से मिलते और अपना उद्देश्य बताते, जिसके बाद वहां पौधे लगाते तथा वहां के रहने वाले लोगों को उनकी देखभाल का जिम्मा सौंप आगे बढ़ जाते। लखनऊ तक के रास्ते में उन्होंने 1100 पौधे लगा डाले। 150 दिनों से चल रहा निरंतर अभियान
इसके साथ ही 150 दिनों से उनका यह अभियान जनपद में चल रहा है। इस दौरान वह प्रतिदिन पांच पौधे स्वयं लगा रहे हैं। इसके अलावा अब तक कई लोगों को पौधे दान कर इसके लिए प्रेरित भी कर चुके हैं। लखनऊ यात्रा से एक सितंबर को वापस आने पर पुन: जनपद में अपने अभियान में जुट गए। उसके बाद पांच अक्टूबर को वह साइकिल से दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस बार उनसे प्रेरित होकर चार अन्य युवक भी उनके साथ हो लिए। इस बीच गजरौला पर एक साथी का हौंसला टूटा ओर वह वापस हो लिए। लेकिन, सुनील तीन साथियों संग रास्ते में पौधे लगाते, लोगों को प्रेरित करते निरंतर आगे बढ़ते रहे और गुरुवार की शाम को दिल्ली के राजघाट पर पहुंचे। वहां उन्होंने कई उपयोगी पौधे लगाए। लोगों को पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश दिया। उनका कहना है कि इस दौरान वह 1100 पौधों का लक्ष्य लेकर घर से निकले थे, जो पूरा हो चुका है। ऐसे मिली प्रेरणा
उनका कहना है कि डेढ़ वर्ष पहले उन्होंने देखा कि लोग पौधे लगाते हैं, उसके बाद उनकी देखरेख न होने से वे नष्ट हो जाते हैं। इस पर उन्होंने निर्णय किया कि वह सिर्फ पौधे लगाएंगे ही नहीं, बल्कि स्वयं उनकी देखभाल भी करेंगे। जहां स्वयं ऐसा नहीं कर सकेंगे, वहां किसी न किसी को इसका दायित्व अवश्य सौपेंगे। इसके अलावा उनके आदर्श इंजीनियर नलिन सिंह के पर्यावरण प्रेम ने उन्हें बहुत प्रेरित किया। उन्हें देख कर ही उन्होंने इस दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।