Move to Jagran APP

कोरोना मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बना 100 बेड का एल-टू हॉस्पिटल, आइसीयू और वेंटिलेटर की मिलेगी सुविधा

रामपुर कोरोना के मरीजों को अब वेंटिलेटर की कमी के चलते बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा। उन्हें आइसीयू से लेकर वेंटिलेटर की सुविधा अब अपने शहर में ही उपलब्ध होगी। शासन की मदद से जिला अस्पताल में 100 बेड का एल-टू हॉस्पिटल बना दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 12:50 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:50 AM (IST)
कोरोना मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बना 100 बेड का एल-टू हॉस्पिटल, आइसीयू और वेंटिलेटर की मिलेगी सुविधा
कोरोना मरीजों के लिए जिला अस्पताल में बना 100 बेड का एल-टू हॉस्पिटल, आइसीयू और वेंटिलेटर की मिलेगी सुविधा

भास्कर सिंह, रामपुर : कोरोना के मरीजों को अब वेंटिलेटर की कमी के चलते बाहर रेफर नहीं करना पड़ेगा। उन्हें आइसीयू से लेकर वेंटिलेटर की सुविधा अब अपने शहर में ही उपलब्ध होगी। शासन की मदद से जिला अस्पताल में 100 बेड का एल-टू हॉस्पिटल बना दिया गया है। इससे कोरोना के मरीजों की तबीयत खराब होने पर उन्हें यहीं उपचार मिल सकेगा। बहुत ज्यादा हालत गंभीर होने पर ही एल-थ्री हॉस्पिटल के लिए रेफर करना होगा।

loksabha election banner

जिले में अभी तक कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं थी। यहां जौहर यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में कोरोना एल-वन हॉस्पिटल बनाया गया है। एल-वन हॉस्पिटल उन मरीजों के लिए है, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं। यहां मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है। यदि किसी मरीज की तबीयत खराब हो जाए तो उसे बाहर रेफर करना पड़ता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। शासन से मंजूरी के बाद यहां एल-टू हॉस्पिटल की सुविधा शुरू हो गई है। इसके लिए जिला अस्पताल में ही आइसोलेशन वार्ड व उसके आसपास की दूसरी बिल्डिग को इस्तेमाल किया गया है। एल-टू हॉस्पिटल के लिए जरूरी सामान उपलब्ध हो गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुबोध कुमार शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल में 100 बेड का एल टू हॉस्पिटल बनाया गया है। इसमें 10 बेड का आइसीयू बनाया गया है। यहां मल्टी पैरामॉनिटर, पल्स हार्ट रेट, बीपी और ऑक्सीजन लेबल चेक करने की सुविधा होगी। उसके अलावा 12 वेंटिलेटर हैं, जिसमें चार वेंटिलेटर अत्याधुनिक और आठ मिनी वेंटिलेटर हैं।

जिला अस्पताल की ओपीडी से अलग होगा रास्ता : एल-टू हॉस्पिटल से जिला अस्पताल की ओपीडी प्रभावित नहीं होगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने एल-टू हॉस्पिटल के लिए अलग रास्ता दिया है। इससे ओपीडी में अन्य बीमारियों का इलाज कराने आने वाले मरीजों को दिक्कत नहीं होगी। एल-टू हॉस्पिटल के लिए एंट्री टीबी अस्पताल और आइसोलेशन वार्ड की ओर से होगी।

कोरोना से जा चुकी है 46 की जान : इलाज की सुविधा न होने के चलते जिले में अब तक 46 लोग कोरोना से जान गवां चुके हैं। यहां सिर्फ बिना लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है। उन्हें विटामिन सी, जिक, काढ़ा आदि दिया जाता है। बुखार होने पर पैरासिटामोल की टेबलेट दे दी जाती है। दिक्कत उनको होती है, जो पहले से बीपी, शुगर, हार्ट, सांस के मरीज हैं। उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है, जो पहले यहां नहीं थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.