वट वृक्ष की पूजा कर, मांगा अखंड सौभाग्य
रायबरेली अपने अचल सुहाग की कामना के लिए महिलाओं ने शुक्रवार को बरगद के पेड़ (वट वृ
रायबरेली : अपने अचल सुहाग की कामना के लिए महिलाओं ने शुक्रवार को बरगद के पेड़ (वट वृक्ष) की पूजा अर्चना की। सुहागिनों ने बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर सावित्री के पतिव्रत धर्म का स्मरण किया।
धार्मिक और पौराणिक मान्यता है कि बरगद (वट) वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा, तने पर भगवान विष्णु व डालियों में भगवान शिव का वास है। बरगदाही अमावस्या के दिन सभी विवाहित महिलाएं कच्चे सूत से 11 बार परिक्रमा व पेड़ पर धागा लपेट कर अपने पति की लंबी आयु की कामना की। इस दौरान सुहागिनों ने सिदूर, दर्पण, मौली, काजल, मेहंदी, चूड़ी, माथे की बिदी, हिगुल, साड़ी, स्वर्णाभूषण आदि वस्तुएं अर्पित कर पूजन की। बाद में उक्त सामाग्री को कन्या और पुरोहितों को दान देकर पति के ऊपर आने वाली अदृष्य बाधाओं को रोकने व लम्बी उम्र की कामना की। शहर के साथ ही डलमऊ, ऊंचाहार, लालगंज समेत सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने व्रत रखा। इस दौरान शारीरिक दूरी का भी पालन करते दिखाई दी। काफी संख्या में महिलाओं ने घर में वट वृक्ष की शाखा लगाकर परिक्रमा की। इनसेट
मधुमक्खियों ने सुहागिनों पर बोला हमला
बछरावां क्षेत्र के थुलेंडी गांव में शुक्रवार को वट सावित्री पूजा के दौरान महिलाओं पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। इससे अफरातफरी मच गई। भगदड़ में कई महिलाएं गिर गईं। बताते है कि वट वृक्ष पर ही मधुमक्खियों का एक छत्ता लगा हुआ है। धूप बत्ती जलाने के बाद उठे धुएं से मधुमक्खियां भड़क गईं। इसमें अंजली, मानसी गंभीर रूप से घायल हो गईं। दोनों को सीएचसी पहुंचाया गया।