नौनिहाल की परवरिश संग कर्तव्य पथ पर डटीं स्वाति
- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर हैं तैनात - आपदा में प्रतिदिन 10 घंटे काम और फिर परिवार का ख्याल एक साथ निभा रही जिम्मेदारी
रायबरेली : मां तो मां होती है। अपनी संतान के लिए ममत्व और समर्पण से परिपूर्ण होती है। बावजूद इसके, समाज में कुछ ऐसी भी मातृ शक्तियां हैं जो कोरोना काल में नौनिहाल की परवरिश के साथ कर्तव्य पथ पर डटी हुई हैं। कामकाजी माताओं के लिए कोरोना के दौर में लड़ना और पारिवारिक दायित्वों के बीच समन्वय बनाना काफी चुनौतीपूर्ण है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग में तैनात खाद्य सुरक्षा अधिकारी स्वाति सिंह।
शहर में मिलावटखोरों पर कार्रवाई के साथ ही इनकी ड्यूटी कठवारा स्थित ऑक्सीजन गैस प्लांट में लगा दी गई। विभागीय ड्यूटी करने के साथ ही प्राण रक्षक की कालाबाजारी रोकने की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी गई है। पति समीक्षा अधिकारी हैं और प्रयागराज में पोस्टेड हैं। शहर के इंदिरा नगर में स्वाति अपनी मां और दो साल के बेटे के साथ रहती हैं। इस कठिन समयकाल में भी वह नौनिहाल की परवरिश के साथ ही कर्तव्यपथ पर डटी हुई हैं। उनकी बेहतर कार्यशैली की ही परिणति है कि उनकी पोस्टिग शहरी क्षेत्र में की गई है। शहर के कई नामी प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करके ये पहले ही चर्चा में आ चुकी हैं। अब महामारी के दौर में भी ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रही हैं।
मां को देख दौड़ पड़ता बेटा
हर मां की तड़प रहती कि वह अपने दुधमुंहे बच्चे को सीने से लगा ले, लेकिन ड्यूटी से लौटने के बाद बेटे को खुद से दूर रखना मुश्किलों भरा होता है। स्वाति सिंह जब काम पर होती हैं तो उनकी मां सुनीता सिंह उनके दो साल के बेटे का ध्यान रखती हैं। जब वह ड्यूटी से लौटती हैं तो पहले स्नान करती हैं। करीब एक घंटे तक परिवार के लोगों से दूर रहती हैं। उसके बाद अपने बेटे और मां से रूबरू होती हैं।
कर्म प्रधान, रिश्तों का ध्यान
कोरोना काल में स्वाति सिंह की दिनचर्या है कि वह काम से लौटने के बाद बच्चे का पूरा ख्याल रखती हैं। इसके अलावा परिवार और दोस्तों को भी कोरोना के प्रति जागरूक करती हैं। वह बताती हैं कि प्रतिदिन परिवार के सदस्यों और दोस्तों से बात करती हूं। उनका हाल जानती हूं और बीमारी से बचाव के उपाय बताती हूं।