चुनावी रणभूमि में कांग्रेस का असमंजस
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में विधान सभा चुनाव का मैदान पूरी तहर से सज चुका है।
रायबरेली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में विधान सभा चुनाव का मैदान पूरी तरह से सज चुका है। भाजपा ने पिछले चुनाव में कांग्रेस की ओर से उतारे गए ऐसे योद्धा जो विजेता थे, उन्हें अपने पाले में कर चुनावी रणभूमि में कांग्रेस के मुकाबले उतार दिया है। अपने सबसे पुराने व मजबूत गढ़ में कांग्रेस अब भी असमंजस में है। अब तक कांग्रेस यहां दो सुरक्षित सीटों पर ही अपने लड़ाके उतार पाई है। रायबरेली, हरचंदपुर सीट, जहां 2017 में कांग्रेस के हाथ को जनता का साथ मिला था। वहां अब भी कांग्रेस के चेहरे को लेकर रहस्य बरकरार है। सुरक्षित विधान सभा सीट सलोन से अर्जुन पासी तो बछरावां सीट से सुशील पासी मैदान में हैं। जिले की बाकी बची चार सीटों पर दावेदारों की अच्छी खासी फौज होने के बाद भी उम्मीदवारी तय नहीं हो पाने से चुनावी मैदान में कांग्रेस के लिए माहौल बनाने के बजाय अपने लिए टिकट की पैरवी में लगे हैं। वहीं पिछले विधान सभा चुनाव में रायबरेली सदर सीट के साथ ही हरचंदपुर के मतदाताओं ने कांग्रेस के हाथ को अपना साथ देकर पार्टी के उम्मीदवारों को विधायक बनाया था। कांग्रेस के टिकट पर पिछली बार जीते दोनों योद्धा अदिति सिंह व राकेश सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में उतर चुके हैं। वहीं कांग्रेस में अब भी प्रत्याशियों को लेकर मंथन का दौर ही चल रहा है। गढ़ में योद्धाओं को चुनावी रणभूमि में उतारने में हो रही देरी से समर्थकों में निराशा है। - सपा-बसपा में भी अभी चल रहा है मंथन
कांग्रेस ही नहीं सपा व बसपा में भी अभी उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन चल रहा है। दोनों ही दल अभी तक छह में से किसी भी एक सीट पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। - कांग्रेस व भाजपा ने दो-दो सीटों पर उतारे उम्मीदवार
सोनिया गांधी की रायबरेली में वैसे तो टिकटों की घोषणा में कांग्रेस ही सबसे आगे है, लेकिन गढ़ में कांग्रेस के टिकट को लेकर बेकरारी भी सबसे अधिक दिख रही है। यह बात अलग है कि दो सुरक्षित सीटों पर प्रत्याशी के नामों की घोषणा के बाद उठे बवांडर से सहमी पार्टी अभी तक चार सीटों पर नामों को अंतिम रूप नहीं दे पाई है। भाजपा ने भी यहां अभी तक कांग्रेस के बागी विधायकों को ही मैदान में उतारा है। भाजपा में भी अभी चार सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर मंथन जारी है। - सभी सीटों पर लंबे समय तक रहा कांग्रेस का दबदबा
विस. 1967 से अब तक
रायबरेली 10
हरचंदपुर 10
सरेनी 07
बछरावां 09
ऊंचाहार 09
सलोन 06
नोट : ऊंचाहार सीट का नाम 2012 के विस. चुनाव के पहले डलमऊ था।