काटे नहीं, रोपे जा रहे हरे-भरे पेड़
-- राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण में नहीं होगी पेड़ों की कटान एम्स के बाद डलमऊ-जगतपुर मार्ग पर होगी पेड़ों की रोपाई अ
रायबरेली: पौधारोपण नहीं अब पेड़ रोपण। जी हां, एम्स में पौधे नहीं बल्कि, पेड़ रोपे जा रहे हैं। वन विभाग ने ये अनूठी पहल की है। रायबरेली-प्रयागराज हाईवे के किनारे से पेड़ों को निकालकर उन्हें खाली स्थानों पर रोपा जा रहा है।
इस राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण होना है। इसके लिए हाईवे के किनारे 2600 पेड़-पौधे चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें हटाया जाना है। इनमें छह सौ बड़े पेड़ हैं और 1500 पौधे। पांच सौ अल्प विकसित पेड़ हैं। पहले ये चर्चा थी कि इन्हें काटा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। वन विभाग इन पेड़-पौधों को दूसरी जगहों पर शिफ्ट करेगा। इसकी शुरुआत एम्स से की गई है। हाईवे के किनारे लगे पेड़ों को मशीनों के सहारे निकालकर एम्स परिसर में रोपा जा रहा है। अब तक आठ पेड़ एम्स की चहारदीवारी के आसपास लगाए जा चुके हैं। कुल 40 पेड़ यहां लगाए जाएंगे। इसके बाद डलमऊ-जगतपुर मार्ग पर पेड़ों को शिफ्ट किया जाएगा। जिले में दूसरी खाली जगहें भी खोजी जा रही हैं, जहां इनको रोपा जा सके। ऐसे होती है रोपाई
पेड़ों को रोपने के लिए ढाई मीटर चौड़ा और दो मीटर गहरा गड्ढा खोदा जाता है। गड्ढे में गोबर संग जैविक खाद डाली जाती है। साथ ही दवाएं भी, ताकि पेड़ सूखने न पाए। पेड़ की टहनियां छांट दी जाती हैं, जिससे की उन्हें आसानी से शिफ्ट किया जा सके।
एम्स परिसर में 40 पेड़ लगाए जा रहे हैं, जिन्हें हाईवे के किनारे से निकाला गया है। करीब 2600 पेड़-पौधे दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किए जाएंगे। सड़क निर्माण के लिए पेड़ों की कटान नहीं होगी।
सुरेश चंद्र पांडेय, प्रभागीय वनाधिकारी