प्रशिक्षण लेने नहीं पहुंचे 865 कार्मिकों पर होगी कार्रवाई
मतदान की तरह मतगणना से भी तमाम कार्मिक पीछा छुड़ाने में लगे हैं।
रायबरेली : मतदान की तरह मतगणना से भी तमाम कार्मिक पीछा छुड़ाने में लगे हैं। तीन दिन के अंदर 865 ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने तमाम निर्देशों के बाद भी प्रशिक्षण में शामिल होना जरूरी नहीं समझा। प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पंचायत चुनाव की मतगणना में 8880 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। फीरोज गांधी कॉलेज में इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चार दिवसीय इस प्रशिक्षण की शुरुआत 27 अप्रैल को हुई थी। प्रतिदिन 2220 कार्मिकों को बुलाया गया था, लेकिन किसी भी दिन पूरे कर्मचारी ट्रेनिग लेने नहीं पहुंचे। गुरुवार तक 6660 लोगों को प्रशिक्षण लेना था। 5685 कार्मिक ही डिग्री कॉलेज पहुंचे थे। 975 कर्मचारियों ने मतगणना ड्यूटी में रुचि नहीं दिखाई। गैरहाजिर रहे इन कार्मिकों में 110 लोगों को तीसरे दिन आना था। डीडीओ एसएन चौरसिया ने बताया कि 110 को छोड़कर अन्य 865 कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी ने इसे लेकर संबंधित विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर दिया है।
2110 ने सीखे काउंटिग के तौर तरीके
2110 लोगों ने प्रशिक्षण स्थल पहुंचकर मतगणना के तौर तरीके और बारीकियां सीखीं। खास बात यह थी कि यहां भी कोरोना से बचाव के मानकों की जमकर धज्जियां उड़ीं, जिसे देखने वाला कोई नहीं था। कोई बिना मास्क के घूम रहा था तो किसी ने शारीरिक दूरी के नियम को दरकिनार कर दिया।
एजेंट बनने के लिए कोविड टेस्ट जरूरी
सीडीओ अभिषेक गोयल ने बताया कि मतगणना स्थल का पास पाने के लिए प्रत्याशियों को कोविड 19 की जांच कराना जरूरी है। बिना इसके किसी को पास जारी नहीं किया जाएगा। यह मायने नहीं रखता कि जांच कैसे हुई। रिपोर्ट चाहे, आरटीपीसीआर की हो, एंटीजन किट की हो या ट्रूनॉट की। सभी मान्य होंगी। यही नियम एजेंट बनाने में भी लागू होगा।