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टीबी संग कोरोना, एचआइवी और डायबिटीज की जांच

26 जनवरी तक चलेगा टीबी हारेगा देश जीतेगा एक्टिव केस फाइंडिग (एसीएफ) अभियान

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 12:10 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 12:10 AM (IST)
टीबी संग कोरोना, एचआइवी और डायबिटीज की जांच
टीबी संग कोरोना, एचआइवी और डायबिटीज की जांच

रायबरेली : राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी हारेगा देश जीतेगा एक्टिव केस फाइंडिग (एसीएफ) अभियान 26 जनवरी तक चलेगा। तीन चरणों में चलाए जाने वाले इस अभियान में कोरोना, टीबी स्क्रीनिग, एचआइवी और डायबिटीज की जांच कराकर इलाज शुरू कराया जाएगा। यह जानकारी सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने दी।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पूरे विश्व में लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु हर साल टीबी से होती है। विश्व में टीबी मरीजों की संख्या का एक चौथाई भारत में है। इससे भी चौंकाने वाली बात ये है कि देश में कुल टीबी मरीजों की संख्या का पांचवां भाग उत्तर प्रदेश में है। इस गंभीर चुनौती को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने टीबी बीमारी को वर्ष 2025 तक समाप्त करने के लिए कार्यरूप को प्रमुखता प्रदान की है।

तीन चरणों में होगी जांच

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम. नारायण ने बताया कि 26 दिसंबर से एक जनवरी तक अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, आइटीएम स्थित अस्थाई जेल, नवोदय विद्यालय, कारागार में क्षय रोगियों के साथ साथ कोविड के मरीजों की भी स्क्रीनिग की गई है। दो जनवरी 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की मलिन एवं हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में क्षय रोगियों की जांच की जाएगी। टीमों को जिला लेवल के समन्वयक, सीएमओ, एसीएमओ, डीटीओ, मेडिकल ऑफिसर निर्देशित करेंगे। 13 से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सकों, मेडीकल स्टोर से संपर्क स्थापित कर उन्हें क्षय रोगियों का नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे। अभियान में 280 टीमें, 56 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। करीब साढ़े सात लाख लोगों की स्क्रीनिग की जाएगी।

बीमारी के लक्षण

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया कि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से खांसी आ रही हो, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराएं। जनपद में क्षय रोगियों की जांच एवं उपचार पूर्णतया निश्शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को प्रतिमाह पांच सौ रुपये सरकारी सहायता भी दी जाएगी।


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