जांच के घेरे में आश्रम पद्धति विद्यालय के शिक्षक
डीएम ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी 75 के शैक्षिक दस्तावेजों होगी पड़ताल पहले दिन तीन विद्यालयों के स्टॉफ को किया गया शामिल प्रपत्रों का हुआ मिलान
रायबरेली : अनामिका कांड के बाद सरकार अब फूंक-फूंककर कदम रखने लगी है। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्रों के साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के संविदा कर्मियों के शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराया जा रहा है। वहीं अब समाज कल्याण विभाग के आवर्तक अनुदान सूची में शामिल विद्यालयों के शिक्षक भी जांच के घेरे में आ गए हैं। डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच शुरू करा दी है। पहले दिन विद्यालयों को शामिल किया गया।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर आवर्तक अनुदान सूची में छह प्राथमिक और तीन आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित है। इसमें 75 शिक्षक तैनात हैं। राजकीय आश्रम पद्धति में 54 का स्टॉफ है। शुक्रवार को डीएम के निर्देश पर विकास भवन के महात्मा गांधी सभागार में कमेटी अध्यक्ष सीडीओ अभिषेक गोयल के साथ सदस्य जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा ने जांच की। इसमें 25 शिक्षकों को बुलाया गया। सभी के शैक्षिक दस्तावेजों का मिलान कराया गया।
29 तक चलेगी जांच
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता सिंह ने बताया कि 27 जून को राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय मोहम्मदाबाद सलोन के 18, प्राथमिक विद्यालय गंगाखेड़ा शिवगढ़ के पांच, कन्या प्राथमिक पाठशाला जोहवासर्की हरचंदपुर दो को बुलाया गया है। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय बालिका रैन बछरावां के 20, जनता प्राथमिक पाठशाला यूसुफपुर लालगंज और प्राथमिक विद्यालय सुलखियापुर राही के तीन-तीन शिक्षकों को बुलाया गया है।