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2022 के चुनाव में प्रियंका वाड्रा बने मुख्यमंत्री पद का चेहरा, कार्यकर्ताओं ने की मांग

पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका वाड्रा करेंगी समीक्षा। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जताएंगी रायबरेली के मतदाताओं का आभार।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 10:44 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 07:57 AM (IST)
2022 के चुनाव में प्रियंका वाड्रा बने मुख्यमंत्री पद का चेहरा, कार्यकर्ताओं ने की मांग
2022 के चुनाव में प्रियंका वाड्रा बने मुख्यमंत्री पद का चेहरा, कार्यकर्ताओं ने की मांग

रायबरेली, जेएनएन। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी बेटी व पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका वाड्रा के साथ बुधवार को अमेठी पहुंची। जहां भुएमऊ गेस्टहाउस में नेता-कार्यकर्ता सबसे अलग-अलग मुलाकात की। गेस्ट हाउस में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मजमा लगा रहा। इस दौरान कांग्रेस ने चिंतन मंथन बैठक में 2022 के प्रदेश में विधानसभा चुनावों पर चर्चा की। चुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग हुई।   

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माना कमजोर रहा संगठन 
भुएमऊ गेस्टहाउस में नेता-कार्यकर्ता सबसे अलग-अलग हुई मुलाकात। प्रियंका वाड्रा ने सबकी सुनीं बात। कांग्रेस पार्टी के चुनावी दौर में प्रत्याशी और कोआर्डीनेटर ही प्रमुख भूमिका में रहे। बुधवार को उन्हीं से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने फीड बैक लिया। प्रत्याशियों ने संगठन कमजोर होने की बात कही। पार्टी नेताओं ने हार के सदमे से उबरने की खातिर तत्काल नई ऊर्जा से संगठन को मजबूत बनाने में जुटने की भी बात कही। वहीं कुछ बड़े नेताओं ने 2022 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका वाड्रा को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की। 

कांग्रेस किसी से नहीं करेगी गठबंधन 
मीटिंग में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि अब कांग्रेस किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। अपनी विस्तार करते हुए सबसे पहले संगठन प्रभावी बनाया जाएगा। 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरेगी। इन बैठकों में सोनिया गांधी ने शिरकत नहीं किया। वे रात में जिले के नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगी। 

उप चुनाव को लेकर कसी कमर
यूपी की 12 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। सामान्य चुनाव में हुई पराजय को अनदेखा कर कांग्रेस अब इन सीटों के लिए खुद को तैयार कर रही है। इस समीक्षा बैठक में इस पर भी मंथन हुआ। किसे कहां की जिम्मेदारी दी जाए, इस पर कद्दावर नेताओं से उनकी राय जानी गई। यह कांग्रेस के लिए अहम इसलिए भी है कि अगर 50 फीसद सीट जीत लेती है तो पार्टी में नया जोश आ जाएगा।

हुआ भव्य सवागत 
अमावां ब्लॉक क्षेत्र के दाऊद नगर में काफिले के पहुंचते ही कांग्रेसियों ने सोनिया गांधी व प्रियंका वाड्रा का भव्य स्वागत किया। फिर काफिला भुएमऊ गेस्ट हाउस में दाखिल हुआ। उनके स्वागत को लेकर भुएमऊ गेस्ट हाउस में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मजमा लगा दिखाई दिया। कांग्रेस की चिंतन मंथन बैठक में 2022 के प्रदेश में विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई। प्रियंका वाड्रा ने अलग-अलग जिलाध्यक्षों और कोआर्डीनेटरों से बातचीत भी की। 

चुनाव परिणाम के बाद सोनिया का पहला दौरा 
23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सांसद सोनिया गांधी का यह पहला दौरा होगा। वे 39 दिन बाद रायबरेली आ रही हैं। दो मई को सोनिया ने सरेनी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। उसके बाद मतदान और मतगणना दोनों बीत गई। परिणाम के 20 दिन बाद संप्रग अध्यक्ष अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के बीच आ रहीं हैं। उनके साथ उनकी बेटी प्रियंका वाड्रा भी रहेंगी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका वाड्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिलाध्यक्षों संग हार के कारणों की समीक्षा करेंगी। इसी दौरान चिंतन, मंथन भी होगा। आखिर कमी कहां रह गई। कमजोर कड़ी की तलाश सुबह से शाम चार बजे तक चलेगी। उसके बाद बारी होगी रायबरेली के नेताओं और कार्यकर्ताओं की, जिनको धन्यवाद देने सोनिया गांधी मौजूद रहेंगी। इस बार सोनिया गांधी की भी जीत कई हिचकोलों के बाद तय हो सकी थी। ऐसे में पार्टी जहां-जहां दिक्कत हुई है, उन स्थानों को चिह्नित करेगी। साथ ही संगठन को मजबूत करने का खाका भी बनेगा। 

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