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मातृ शक्ति का थामा हाथ, बढ़ाया आत्मविश्वास

रायबरेली केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी कोरोना काल में अपनों को खोने वाली महिलाओं से

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 12:14 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 12:14 AM (IST)
मातृ शक्ति का थामा हाथ, बढ़ाया आत्मविश्वास
मातृ शक्ति का थामा हाथ, बढ़ाया आत्मविश्वास

रायबरेली : केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी कोरोना काल में अपनों को खोने वाली महिलाओं से जब मिलीं तो उन्हें अपनेपन का अहसास कराया। हाथ थामकर हाल पूछा और सरकार द्वारा दी जा रही अहेतुक धनराशि का प्रमाणपत्र सौंपा। अपने संबोधन में पीड़िताओं की असीम पीड़ा पर मरहम लगाने का प्रयास किया।

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अमेठी की सांसद ने कहा कि आज इस मंच पर उन बहनों ने भी कदम रखा, जिन्होंने कोरोना की महामारी में स्वजन को खोया। किसी भी महिला ने ये नहीं सोचा होगा कि एक दिन उसके जीवन में दुख की ये घड़ी आएगी। सार्वजनिक तौर पर अपनों के खोने का दुख वो व्यक्त नहीं कर पाएगी। यहां बैठी हर बहन से पूछिए। भगवान न करे ऐसी विपदा किसी भी महिला के जीवन में आए। प्रभु की असीम कृपा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपदा की घड़ी में आपके संग एक भाई, परिवार के एक बड़े सदस्य के नाते आपको सहयोग दे पाए। स्मृति ने मंच पर आने वाली महिलाओं से बात करके उनके मन को हल्का किया। उन्हें अहसास दिलाया कि वे सिर्फ नेता नहीं, बल्कि उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं जो हर सुख-दुख में उनके साथ खड़ी हैं। रो-रोकर सुनाई पुलिसिया मनमानी की कहानी

गुरुबक्शगंज के पूरे लाल मजरे सुलतानपुर खेड़ा निवासी शिव अधार पत्नी फूलमती और बुआ यशोदा के साथ केंद्रीय मंत्री से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। फूलमती ने बताया कि बेटी नीशू की शादी इसी साल दो जुलाई को हुई थी। दहेज की खातिर ससुरालीजन ने बेटी की हत्या कर दी। इसकी एफआइआर भी दर्ज है। घटना को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। अपनी पीड़ा सुनाते-सुनाते वे फूट-फूटकर रोने लगीं। न्याय तो किसी ने मांगी मदद

अमेठी के जगदीशपुर की श्रेया गुप्ता ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर पति मनीष कुमार के लिवर प्रत्यारोपण के लिए मदद दिलाने की मांग की। वहीं, कोरोना काल के दौरान एल-टू अस्पताल में स्टाफनर्स की नौकरी करने वाले सूर्यकांत, मो. गुफरान, मो. वसीम, प्रीती आदि ने बेरोजगारी की समस्या बताई। कहा कि संकट के समय में संक्रमित मरीजों की सेवा की। बाद में सिर्फ 12 लोगों को ही सेवा विस्तार का मौका मिला, शेष निकाल दिए गए। सभी ने नौकरी दिलाने की मांग की। बाल संरक्षण इकाई में विधि सह पर्यवेक्षक प्रज्ञा समेत अन्य लोगों ने वेतन बढ़ाने की मांग उठाई।


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