बैठक में विकास पर चर्चा के साथ मनमानी की शिकायत
रायबरेली करीब तीन साल नौ महीने बाद जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक
रायबरेली : करीब तीन साल नौ महीने बाद जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई, जिसमें जिले के विकास को नई दिशा देने पर चर्चा हुई। बैठक में सरकारी सिस्टम की अनदेखी और मनमानी के मुद्दे भी उठे। माननीयों और जनप्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी बात कही। समिति की अध्यक्ष ने सबकी बात सुनी और गिले शिकवे दूर कराए।
सरेनी से भाजपा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि जिला पंचायत से सड़कों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव दिए गए थे। उस वक्त जिलाधिकारी प्रशासक थे। इन प्रस्तावों को मंजूरी भी मिली थी, लेकिन चुनाव के बाद प्रशासक के हटने पर इन्हें निरस्त कर दिया गया, जबकि नई सड़कों के प्रस्ताव पास होते गए। ये मुद्दा उठा तो बचत भवन का माहौल गरम हो गया। ऊंचाहार से सपा विधायक डा. मनोज कुमार पांडेय ने भी सड़कों का मुद्दा उठाया। कहा कि जिला पंचायत, पीएमजीएसवाइ जो सड़कें बनवाता है, वह छह महीने भी नहीं चलतीं। इनकी मरम्मत तक नहीं कराई जाती। निर्धारित समय तक इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित संस्था की होती है। कार्यदायी संस्था होगी ब्लैक लिस्ट
ऊंचाहार विधायक ने कहा कि पूरे उदऊ से लेकर पखरौली तक सड़क पीएमजीएसवाइ से बनी थी। कार्य इतना निम्न गुणवत्ता का था कि पांच साल में ही ये सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। इस पर अधिकारियों ने संबंधित फर्म का नाम काली सूची में डालने की बात कही। केंद्रीय मंत्री ने भी ऐसी संस्थाओं को तत्काल ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए, जो सड़कों की समय से मरम्मत नहीं करातीं हैं। नहीं मिला मौका, बाहर ही बैठे रहे कई नेता
संगठन और पार्टी में अच्छी पकड़ रखने वाले कई नेताओं को ये मलाल था कि वे बचत भवन के अंदर नहीं जा सके। करीब तीन घंटे तक उन्हें बाहर ही इंतजार करना पड़ा। कई महिला नेता अंदर बैठे माननीयों व नेताओं को कोसती नजर आईं। इनमें से कुछ तो बैठक समाप्त होने के पहले ही चली गई।