यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहीं रोडवेज बसें
रायबरेली : रोडवेज बसों के चालक यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इनकी वजह से जाम तो लगता ही है, दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। ट्रैफिक पुलिस के चालान काटने और हिदायत देने के बावजूद वे अपनी कार्यशैली में सुधार करते नहीं दिख रहे हैं।
लखनऊ-रायबरेली हाईवे पर शहर का मुख्य चौराहा सिविल लाइंस है। इस चौराहे पर लखनऊ की ओर से आने वाली और प्रयागराज की ओर जाने वाली बसें खड़ी होती हैं। अधिकांश यात्री यहीं पर बसों का इंतजार करते हैं। लखनऊ की ओर जाने वाली बसों को खड़ा करने के लिए बाईं पटरी पर पर्याप्त जगह है। बावजूद इसके, चालक बस को बाईं लेन पर खड़ा कर देते हैं। कभी-कभी तो दो से तीन बसें चौराहे के ठीक बगल में खड़ी कर दी जाती हैं, जिसकी वजह से लंबा जाम लग जाता है। प्रयागराज की तरफ जो बसें जाती हैं, उनको भी चौराहे से 10-12 कदम आगे रोककर सवारियां बैठाई जाती हैं, जबकि 50 मीटर आगे बढ़ जाएं तो यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। इसी तरह सारस होटल चौराहे पर सुलतानपुर की ओर आने-जाने वाली बसों को बेतरतीब तरीके से खड़ा करके यात्रियों को बैठाया जाता है। यहां भी लखनऊ से प्रयागराज की ओर से जाने वाली बसें रोक दी जाती हैं, जिसके कारण चौराहे पर जाम लग जाता है।
यातायात प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के मामले में प्रतिमाह औसतन 50 बसों का चालान काटा जा रहा है। चालकों को हिदायत दी जा रही है कि बसों को हाईवे के बगल और चौराहे से थोड़ा दूर खड़ा करें, ताकि जाम न लगने पाए।