बारिश के पानी से भरे सड़क के गड्ढे हुए जानलेवा
रायबरेली आइटीआइ-बालापुर सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई है। बारिश के पहले
रायबरेली: आइटीआइ-बालापुर सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई है। बारिश के पहले कई बार नगर पालिका के अधिकारियों को चेताया गया, लेकिन उन्होंने सड़क की पैचिग तक नहीं कराई। इस सड़क के गड्ढे तारकोल और गिट्टी के मिश्रण से नहीं, बल्कि अब मानसून की पहली बारिश में पानी से भर गए हैं।
21 मई को सुल्तानपुर हाईवे पर बने ओवरब्रिज में दरार आ गई थी। तब से ट्रक और डंपर को छोड़कर बाकी वाहनों को आइटीआइ-बालापुर मार्ग से डायवर्ट कर दिया गया। उस वक्त सड़क पर जितने गड्ढे थे, उसकी तुलना में अब उनकी संख्या दस गुना से भी ज्यादा हो गई है। बालापुर के पास तो सड़क से तारकोल ही गायब हो गया। यही नहीं, सड़क की दोनों पटरियों पर करीब तीन-तीन फीट चौड़े और गहरे गड्ढे हो गए हैं। जब रूट डायवर्ट किया गया था, तभी सड़क की पैचिग कराने को लेकर नगर पालिका को सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने बजट न होने की बात कहकर किनारा कर लिया। करीब दो किमी लंबी सड़क पर हुए गड्ढों की पैचिग तक के लिए नगर पालिका के पास धन नहीं है, ये बात भी काफी चौंकाने वाली है। वो भी तब, जब इस रूट पर रोजाना औसतन पांच हजार वाहनों का आवागमन हो रहा है। नगर की करीब 50 हजार आबादी इससे प्रभावित हो रही हो।
एनएचएआइ के झूठे दावे
रेलवे ओवरब्रिज में दरार आने पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने दावा किया था कि दस दिन में इसे ठीक कर लिया जाएगा। 21 मई से अब तक में कई बार दस-दस दिन कहकर प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह किया गया। अबकी बार अंतिम तिथि 30 जून बताई गई, लेकिन वह तारीख भी निकल चुकी है। एनएचएआइ के परियोजना प्रबंधक समर प्रताप सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि पुल पर आवागमन शुरू होने में अभी दस दिन का और वक्त लगेगा।
जल्द ही दूर होगी समस्या
आइटीआइ-बालापुर मार्ग की दशा के बारे में जब जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव को सूचना दी गई तो उन्होंने तुरंत एक पत्र नगर पालिका को जारी कराया। डीएम ने कहा कि सड़क पर गड्ढों की समस्या का जल्द ही निदान कराया जाएगा। पुल की मरम्मत में क्यों देरी हो रही है, इसके लिए एनएचएआइ के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।