अनुशासनहीन शिक्षकों पर कार्रवाई से बच रहे जिम्मेदार
- खंड शिक्षा अधिकारी ने रसोइयों का दर्ज किया बयान बीएसए को भेजी रिपोर्ट
रायबरेली : शिक्षा का मंदिर, जहां बच्चों को संस्कार और अनुशासन भी सिखाया जाता है। उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने की जिम्मेदारी गुरु पर होती है। वही, गुरु जब खुद अनुशासन तोड़ता है तो इसे क्या कहें। गत दिनों उपस्थिति पंजिका को लेकर दो महिला शिक्षकों के बीच छीनाझपटी और अभद्र व्यवहार के मामले में अबतक कार्रवाई नहीं हुई। जिम्मेदार मौन साधे हैं।
मामला बछरावां क्षेत्र के बगाही प्राथमिक विद्यालय का है। शनिवार को प्रधानाध्यापक मुन्नी देवी और सहायक अध्यापक स्वप्निल सिंह के बीच स्कूल में पांच मिनट देर से पहुंचने को लेकर विवाद हो गया। सहायक अध्यापक ने प्रधानाध्यापक पर गिरेबान पकड़कर घसीटने का आरोप लगाया। शनिवार शाम साढ़े पांच बजे तक बीईओ पद्म शेखर मौर्य ने मामले की जांच की। सोमवार की दोपहर 12 बजे दोबारा विद्यालय पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुनी। रसोइयों से भी घटना की जानकारी ली। सभी के बयान लिखित में लेने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी तकरीबन 12:35 बजे वापस लौट आए। सहायक अध्यापक का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। घटना के तथ्य वायरल वीडियो में हैं, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बीईओ की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं अभिभावक
बीईओ की कार्यशैली से अभिभावकों में आक्रोश है। उनका कहना है कि शिक्षा का माहौल विद्यालय में बिगड़ रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि सभी के बयान लिखित में लिए गए हैं, जिन्हें उच्चाधिकारियों को भेजा जा रहा है। मुख्यालय से जिस कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा, उसे अमल में लाया जाएगा। ग्राम प्रधान अरुण नारायण ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के हिसाब से गिरेबान पकड़कर घसीटने की घटना सही है। कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही अभिभावकों में आक्रोश भी है।
बीईओ की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी कीमत पर विद्यालय में माहौल नहीं बिगड़ने दिया जाएगा।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी