मुख्यमंत्री के पुरस्कार को मुखिया का इंतजार
वित्तीय वर्ष 2020-21 में बेहतर विकास कराने पर तीन गांवों को मिला था ईनाम
रायबरेली : बेहतर विकास कार्य कराने वाली जिले की तीन ग्राम पंचायतों को मुख्यमंत्री पुरस्कार से नवाजा गया था। इसके तहत लाखों रुपये की धनराशि संबंधित गांवों को इनाम में मिली थी। यह बजट आता, इससे पहले ही प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया। तब से यह सरकारी खाते में पड़ा नए मुखिया का इंतजार का रहा है।
शासन की ओर से हर साल मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के तहत तीन गांवों को सम्मानित किया जाता है। इसमें उन गांवों को नकद पुरस्कार मिलता है, जिन्होंने सबसे अच्छा विकास कार्य कराया हो। ऐसे गांव जिनकी खुद की आमदनी हो और जहां सरकारी योजनाएं फर्राटा भर रहीं हो। 988 में से 50 ग्राम पंचायतों ने पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के तहत आवेदन किया था। जांच कमेटियों की पड़ताल के बाद लालगंज की मिर्जापुर तौधकपुर, रोहनिया में उमरन और हरचंदपुर की प्यारेपुर ग्राम पंचायत का चयन हुआ था। क्रमश: 12 लाख, 10 लाख और आठ लाख का पुरस्कार इन्हें मिला। जबतक इनाम की धनराशि आती, तब तक प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके कारण यह धनराशि गांव के विकास पर नहीं लगाई जा सकी।
प्रशासकों को नहीं मिले खर्च के अधिकार
सहायक विकास अधिकारियों के पास ग्राम पंचायतों का कार्यभार है। अपने स्तर से वे थोड़ा-बहुत विकास कार्य करा भी रहे हैं, लेकिन पुरस्कार की इस धनराशि को उनके द्वारा खर्च करने पर पाबंदी है। इसे निर्वाचित होकर आने वाले नए ग्राम प्रधान ही खर्च कर सकेंगे।
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मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के तहत मिलने वाली धनराशि के आने के पहले ही ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। नवनिर्वाचित प्रधानों का शपथ ग्रहण होना है। इसके लिए शासन के आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
राजेंद्र प्रसाद
डीपीआरओ