Move to Jagran APP

एम्स में कर सकते देहदान, पांच ने कराया पंजीकरण

राही अब देहदान करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। यहां अखिल भारतीय

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 12:14 AM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 12:14 AM (IST)
एम्स में कर सकते देहदान, पांच ने कराया पंजीकरण
एम्स में कर सकते देहदान, पांच ने कराया पंजीकरण

राही: अब देहदान करने के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं है। यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में यह दान किया जा सकता है। इसके लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अबतक पांच लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।

loksabha election banner

एम्स के शरीर रचना विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रजत शुभ्रा दास का कहना है कि शरीर दान करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को देह दान संकल्प पत्र भरकर पंजीकरण कराना होता है। पंजीकृत लोगों को यहां से प्रमाणपत्र दिया जाएगा। संकल्प पत्र में दो नजदीकी रिश्तेदारों जैसे बेटा, बहू, पुत्री, भाई, पति, पत्नी के हस्ताक्षर होंगे। मृत्यु के छह घंटे के अंदर डेड बॉडी भेजनी होगी। जरूरत पड़ने पर एम्स प्रबंधन गाड़ी की व्यवस्था भी करेगा। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को देहदान में प्राप्त मृत शरीर पर शोध व अन्य चिकित्सीय शिक्षण-प्रशिक्षण कराया जाएगा। एम्स के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी समीर शुक्ल ने बताया कि जिले से अब तक पांच लोग देहदान के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।

:::: --------------

गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फ्लोरिक एसिड लाभकारी

राही : गुरुवार को एम्स में एक दिवसीय बाल शल्य चिकित्सा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें बच्चों को जन्मजात होने वाली बीमारियों से बचाने के बारे में विस्तार से बताया गया। कहा गया कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए फ्लोरिक एसिड लाभकारी है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अरविद राजवंशी ने बाल शल्य चिकित्सा विभाग को निर्देशित किया कि बच्चों में होने वाली जन्मजात विकृतियों के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें। ऐसे विकृत बच्चों को समय से परामर्श व शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराएं। उन्होंने बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बाल शल्य चिकित्सा विभाग, नर्सिंग आफिसर व पैरामेडिकल स्टाफ की प्रशंसा की।

बाल शल्य चिकित्सा विभाग की डा. सुनीता सिंह की अगुवाई में नर्सिंग स्टाफ द्वारा नाट्य मंचन किया गया, जिसके माध्यम से बच्चों में होने वाली जन्मजात विकृतियों से बचाव के उपाय बताए गया। बताया कि गर्भधारण के पूर्व से फ्लोरिक एसिड का सेवन करना चाहिए। इससे शिशु के स्नायु तंत्र में होने वाले विकार दूर हो जाते हैं। ये एसिड जन्मजात होने वाले हृदय रोग से बचाव करता है। शारीरिक व मानसिक विकारों को दूर करता है। गर्भपात होने से बचाता है और खून की कमी को दूर करता है। प्रोफेसर नीरज कुमारी, अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक गौरव उपाध्याय, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी समीर शुक्ल, नोडल अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव प्रमुख रूप से मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.