कांग्रेस के योद्धाओं के सामने आते ही फूटा 'विद्रोह बम'
रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ में ही कांग्रेस गुटबाजी का शिकार हो गई
रायबरेली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ में ही कांग्रेस गुटबाजी का शिकार हो गई है। रायबरेली- अमेठी की दस सीटों में चार पर कांग्रेस ने अपने योद्धा उतरे ही थे कि विद्रोह बम फूट गया। ऐसे में कांग्रेस की चुनावी रणनीति को लेकर सवाल खड़ा हो गया। जब अपने ही योद्धा को कांग्रेस कार्यकर्ता व संगठन स्वीकार करने को तैयार नहीं हो रहा है तो वह चुनावी समर में किसके बलबूते लड़ेगा।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी चुनाव के शंखनाद से पहले 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का फार्मूला लेकर आईं और फिर उन्होंने नारा दिया, 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं'। अब जब चुनावी सरगर्मी के बीच टिकट बंटवारे वाली कांग्रेस की लिस्ट आई तो अमेठी-रायबरेली के घोषित चार नामों में एक भी महिला नहीं हैं। ऐसे में यहां से टिकट की दावेदारी करने वाली महिला नेताओं में नाराजगी है। चारों सीटों पर पुरुषों को दिया टिकट
पहली सूची में रायबरेली-अमेठी की चार सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हुई। रायबरेली की सलोन सीट से अर्जन पासी, बछरावां सीट से सुशील पासी तो अमेठी की तिलोई सीट से कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिघल, जगदीशपुर से विजय पासी को टिकट दिया गया है। वहीं बाकी बची छह सीटों पर कोई मजबूत महिला चेहरा अभी दिख नहीं रहा है। सलोन में अपनों ने ही संभाला विरोध का मोर्चा
नामों की घोषणा के साथ कांग्रेस में गुटबाजी व विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे हैं। बछरावां, तिलोई व जगदीशपुर में जहां असंतुष्ट गुट बैठक कर रणनीति बनाने में जुटे हैं। वहीं सलोन में विद्रोह का बम फूट गया है। यहां के सभी ब्लाक अध्यक्ष व संगठन के पदाधिकारियों ने प्रियंका वाड्रा को पत्र लिख प्रत्याशी बदले जाने की मांग कर दी है। ऐसा न होने पर पद छोड़ने की धमकी भी दी है। सभी मिलकर करेंगे काम
कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने कहा कि कहीं कोई विरोध नहीं है। कांग्रेस हमारा परिवार है। परिवार में लोग गुस्सा होते हैं और फिर मिलकर काम भी करते हैं। इस बार कांग्रेस रायबरेली-अमेठी की सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी।