शहर में खुल सका सिर्फ एक निजी कोविड हॉस्पिटल, बेड फुल
शहर में दो निजी अस्पतालों को कोविड का लेवल-टू
रायबरेली : शहर में दो निजी अस्पतालों को कोविड का लेवल-टू हॉस्पिटल खोलने की अनुमति दी गई। इनमें से सिर्फ एक अस्पताल ही तय समय यानी 27 अप्रैल से संचालित हो रहा है। सारे बेड फुल हैं। वेंटिलेटर को स्थापित करने का काम अभी जारी है। आइएमए ने भी पहल की है और आइएमए भवन में एल-टू खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी 16 अप्रैल से बंद है। निजी क्लीनिकों में भी लगभग 90 फीसद चिकित्सीय सेवाएं ठप हैं। ओपीडी बंद होने की वजह से मरीज हैरान परेशान हैं कि वो इलाज के लिए जाएं तो जाएं कहां। ऑनलाइन चिकित्सीय सलाह लेने की पहल उतनी कारगर नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में अभी भी करीब दो सौ मरीज देखे जा रहे हैं। यहां भी बेड की समस्या है। दो दिनों से मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। उन्हें एल-टू हॉस्पिटल भेजा जा रहा है, वहां भी बेडों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। या यूं कहा जा सकता है कि बेड तो बहुत हैं, लेकिन मैन पावर की कमी के साथ ही संसाधनों का भी अभाव है। इसी कारण वहां भी मरीजों को भर्ती करने में दिक्कत आ रही है। ऐसी विषम परिस्थितियों में मरीज और तीमारदार या तो एम्स से इलाज की आस लगाकर बैठे हैं या फिर इकलौते प्राइवेट अस्पताल से, जोकि आइटीआइ परिसर में संचालित है। यहां पर 1500 रुपये बेड चार्ज और डॉक्टर की दो बार विजिट का पांच सौ रुपये चार्ज लिया जाता है। ऑक्सीजन का शुल्क उसकी खपत के अनुसार प्रबंधन लेता है। अभी तक इस अस्पताल की कोई शिकायत नहीं आई है। आइएमए द्वारा दूसरा अस्पताल खोले जाने से कुछ राहत तो मिलेगी, मगर ये सागर से लोटा भर पानी निकालने जैसा होगा। -------------
एल-टू में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कोरोना संक्रमितों को उचित इलाज मिले, इसके लिए जनपद में टीम-9 गठित कर दी गई है।
वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी