Move to Jagran APP

एक हजार बच्चों को धनराशि के लिए करना होगा इंतजार

निजी विद्यालयों में दाखिला पाए बच्चों को ड्रेस कापी किताब के लिए मिलने वाले भुगतान के लिए इंतजार करना होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 11:41 PM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 11:41 PM (IST)
एक हजार बच्चों को धनराशि के लिए करना होगा इंतजार
एक हजार बच्चों को धनराशि के लिए करना होगा इंतजार

एक हजार बच्चों को धनराशि के लिए करना होगा इंतजार

loksabha election banner

रायबरेली : शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में दाखिला पाए बच्चों को ड्रेस, कापी, किताब के लिए मिलने वाले भुगतान के लिए इंतजार करना होगा। प्रति छात्र के अनुसार पांच-पांच हजार रुपये उनके खाते में आएंगे। आल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिम्मेदारों की लापरवाही पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। गरीब घरों के बच्चे भी निजी स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं, लेकिन महंगी फीस होने के कारण उनके सपने पूरे नहीं हो पा रहे थे। इसे दूर करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम से स्कूलों में कोटा निर्धारित किया गया। इसका लाभ भी मिल रहा है। सत्र 2022-23 में अब तक दो बार हुई लाटरी में जिलेभर के करीब एक हजार बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में हो गया। शासन से इन बच्चों को ड्रेस, कापी, किताब और स्टेशनरी के लिए पांच हजार रुपये अभिभावकों के खाते में भेजे जाएंगे। शासन से कई जिलों के बच्चों को यह धनराशि भेज दी गई है, लेकिन यहां के बच्चों को अभी इंतजार करना होगा। आल स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शशांक सिंह राठौर ने बताया कि जिला समन्वयक की उदासीनता के कारण तीन वर्षों से अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं आई है। जिले में विद्यालयों की मैपिंग नहीं हो पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीई की वेबसाइट पर सही छात्र संख्या दिखाई गई है। जिससे अभिभावकों में रोष है। अभिभावकों ने कहा कि अधिकारियों ने कार्यशैली में सुधार न किया तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आरटीई के तहत बच्चों को मिलने वाली धनराशि के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। करीब एक हजार छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। संजीव गुप्ता, डीसी सामुदायिक सहभागिता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.