पुरानी पेंशन को शिक्षक-कर्मचारियों ने भरी हुंकार
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रायबरेली : पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत सोमवार को कर्मचारी शिक्षक अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। पहले तो सभी ने विकास भवन में धरना दिया फिर कलेक्ट्रेट जाकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
मंच के अध्यक्ष दिनेश बहादुर ¨सह ने कहा कि 2005 के बाद राजकीय सेवा में आए कर्मचारियों, शिक्षकों और अधिकारियों को पुरानी पेंशन दिलाने के लिए लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में इसे लेकर आंदोलन चल रहे हैं। शासन की ओर से इस पर वार्ता तो की गई, लेकिन सार्थक परिणाम नहीं दिखे। संयोजक प्रमोद अवस्थी ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है। इसे हरहाल में कर्मचारियों को दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द कर्मचारी हितों को देखते हुए सकारात्मक निर्णय लेना होगा। यदि पुरानी पेंशन बहाल न हुई तो छह फरवरी से पूर्ण हड़ताल होगी। इस दौरान तमाम शिक्षक और कर्मचारी धरना स्थल पर मौजूद रहे। फरमान आते ही बैरंग वापस लौटे
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विकास भवन के सरकारी दफ्तर खुलते ही धरने भी जोर पकड़ने लगा था। तमाम तमाम शिक्षक और कर्मचारी बैठे थे। इसी बीच कुछ महिला कर्मचारियों का एक समूह आया। जिस विभाग से ये महिलाएं जुड़ी थी, उसका दफ्तर भी विकास भवन में ही है। ड्यूटी के समय कर्मचारियों के धरने में शामिल होने की खबर कहीं से उनके आलाधिकारी को मिल गई। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद दफ्तर से एक फरमान जारी हुआ और फिर एक-एक कर सभी महिलाएं धरना छोड़ चलती बनीं। शिक्षक-कर्मचारी सब शामिल हुए : संयोजक
अधिकारी की सख्ती पर कर्मचारियों के वापस जाने के बारे में जब मंच के संयोजक प्रमोद अवस्थी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। शिक्षक और कर्मचारी सभी धरने में शामिल हुए थे। कोई भी कर्मचारी किसी अधिकारी के दबाव में वापस नहीं हुआ।