सड़क पर उतरे एनटीपीसी कर्मचारी और अधिकारी
ऊंचाहार (रायबरेली) भारत सरकार द्वारा एनटीपीसी से भागीदारी कम करने के विरोध में भारत
ऊंचाहार (रायबरेली) : भारत सरकार द्वारा एनटीपीसी से भागीदारी कम करने के विरोध में भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर मुखर हो गए हैं। शुक्रवार की शाम से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देर रात तक चलता रहा।
भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी में अपनी भागीदारी को कम कर रही है। जिसके कारण इस कंपनी को तकनीकी रूप से सरकारी क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम का तमगा छिन जाएगा। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी और दखल बढ़ जाएगा। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अधिकारी और कर्मचारी संगठन एकजुट हो गए हैं। सभी संगठनों ने शुक्रवार की देर शाम परियोजना के आपातकालीन गेट पर सभा की। एग्जिक्यूटिव एसोसिएशन के महासचिव पुष्पराज पटेल ने कहा कि एनटीपीसी एक बड़ी व्यावसायिक लाभ की कंपनी है। इसके निजीकरण का प्रयास देश हित में नहीं है। राष्ट्र के विकास और निर्माण में एनटीपीसी केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलकर आगे बढ़ी है। इंटक नेता आज्ञा शरण सिंह ने कहा कि देश और एनटीपीसी दोनों को बचाने का समय आ गया है।
सभा के बाद आवासीय परिसर के गेट नंबर दो के पास अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवारजन के साथ एकत्र हुए और कैंडल मार्च निकाला। निजीकरण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभी लोग स्टेडियम पहुंचे। जहां कैंडल से एनटीपीसी बनाया और सबने इस निर्णय के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। इस मौके पर जय कुमार यादव, शैलेंद्र सिंह, जितेंद्र शर्मा, केएन सिंह, अजय कुमार राय आदि मौजूद रहे।