अब कानपुर रूट पर पकड़े गए पांच फर्जी दिव्यांग
--विशेष टीम की चेकिग में हुआ राजफाश स्वास्थ्य व निगम कर्मियों की मिलीभगत का संदेह
रायबरेली : फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाकर रोडवेज बसों में निश्शुल्क यात्रा करने का एक और बड़ा मामला पकड़ में आया है। कानपुर रूट की एक बस में पांच यात्री पकड़े गए। ऐसे में अब इस बात की आशंका बलवती हो चुकी है कि कोई बड़ा गिरोह इस फर्जीवाड़े का सूत्रधार है। स्वास्थ्य विभाग से लेकर परिवहन निगम तक के कर्मचारियों की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध है।
रायबरेली डिपो के एआरएम अक्षय कुमार ने 20 सितंबर को सरेनी से आ रही एक बस की जांच की थी। इस दौरान दिव्यांग प्रमाण पत्र लेकर निश्शुल्क सफर कर रहे पांच यात्री ऐसे मिले थे, जो शारीरिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ थे। फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र लेकर यात्रा करने का मामला सामने आने पर एआरएम ने सीएमओ को पत्र लिखा। साथ ही ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए दिव्यांग एनालिसिस एंड रिस्पांस नाम से चार टीमें गठित कीं। इन टीमों ने प्रतापगढ़, लखनऊ और कानपुर रूट पर चेकिग अभियान चलाया। कानपुर डिपो की एक बस में पांच यात्री दिव्यांग प्रमाण पत्र लेकर गलत तरीके से सफर करते हुए पाए गए। जब्त हुए प्रमाणपत्र
निशुल्क यात्रा कर रहे पांचों मुसाफिरों के दिव्यांग प्रमाणपत्र परिवहन निगम की टीम ने अपने कब्जे में ले लिए और उनका टिकट बना दिया। अब ये दिव्यांग प्रमाणपत्र स्वास्थ्य विभाग को यह पता लगाने के लिए भेजे जाएंगे की इन्हें जारी करने के पीछे किसका हाथ है।
फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र लेकर रोडवेज बसों में सफर करने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। दूसरी बार ऐसा मामला पकड़ा गया है। चार टीमें लगातार चेकिग कर रही हैं। जो भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
अक्षय कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रायबरेली डिपो