मास्क न शारीरिक दूरी का पालन, जोरों पर एसटीपी निर्माण
तीन दिन पहले ही जल निगम के एक्सईएन समेत पांच इंजीनियर हो चुके संक्रमित कार्यदायी संस्था की मनमानी से कर्मी खफा कंट्रोल रूम में दर्ज कराई शिकायत
रायबरेली : कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी होने के बावजूद जिम्मेदार लापरवाह बने हैं। अमृत योजना से शहर में चल रहे सीवर लाइन के कार्य में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। इतना ही नहीं संक्रमित होने के बावजूद काम रोकने की कौन कहे श्रमिकों की जांच तक नहीं कराई गई। एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) निर्माण कार्य शुरू कराने से खफा होकर किसी कर्मचारी ने कंट्रोल रूम में शिकायत कर दी। अब इससे खलबली मची है।
गौरतलब है कि अमृत योजना से चल रहे सीवर लाइन प्रोजेक्ट का कार्य घारपूरे कंपनी को मिला है। देखरेख की जिम्मेदारी जल निगम की है। कुछ दिन पहले गेस्ट हाउस में ठहरे घारपूरे कंपनी के दो कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। इसके बाद करीब तीन दिन पहले कार्यस्थल पर पहुंचे जल निगम जेई पवन त्रिवेदी और प्रदीप कुमार संक्रमित निकल आए। इससे जल निगम कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। जांच में एक्सईएन सनी सिंह और नगर पालिका से कार्य देख रहे प्रशांत सिंह की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि इसके बावजूद कंपनी की ओर से किसी श्रमिक की जांच नहीं कराई गई। वहीं अब काम भी शुरू करा दिया गया है। इससे संक्रमण और फैलने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके बेरा का कहना है कि दोनों कर्मचारी क्वारंटाइन है। श्रमिकों में लक्षण नहीं होने के कारण जांच नहीं कराई गई। एक-दो दिन में परीक्षण करा दिया जाएगा। उधर, सभासद संजय सिंह का कहना है कि सीवर कार्य में मनमानी की जा रही है। कोविड-19 को लेकर गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है।