सीलिग न कोई ध्वस्तीकरण, चालान की खानापूरी
पहले चुनाव में व्यस्तता फिर महामारी ने आरडीए के कामकाज पर लगाया ग्रहण
रायबरेली : सीलिग न कोई ध्वस्तीकरण। सिर्फ चालान और नोटिस की खानापूरी। आरडीए में पिछले डेढ़ महीने से कुछ ऐसे ही कामकाज चल रहा है। पहले पंचायत चुनाव कराने में अफसर और अभियंता व्यस्त रहे। इससे छुटकारा मिला तो महामारी ने जोर पकड़ लिया। जिनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी थी, वहीं इसकी चपेट में आ गए। नतीजा सब पर ब्रेक लग गया।
विकास प्राधिकरण के अवर अभियंताओं समेत कई अफसरों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गई थी। इनमें कई जेई प्रवर्तन दल के भी रहे। इनकी चुनाव में व्यस्तता के कारण अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का काम पूरी तरह प्रभावित रहा। इसके चलते ही कंपाउंडिग की प्रक्रियाएं भी अटकी रहीं। किसी तरह चुनाव निपटा तो लगा कि अब व्यवस्था पटरी पर आएगी, लेकिन तब तक महामारी ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया। प्राधिकरण के तीन अवर अभियंता इसकी चपेट में आ गए। इसके अलावा तीन से चार अन्य कर्मचारियों ने बीमारी के चलते छुट्टी ले ली। महामारी के कारण पिछले डेढ़ महीने में प्राधिकरण की आमदनी घट कर आधी से भी कम हो गई। कुछ एक चालान भले किए गए, मगर सीलिग और ध्वस्तीकरण के लिए लंबित फाइलें अब भी अफसरों के टेबल की शोभा बढ़ा रहीं हैं।
इनसेट
अवैध निर्माण की आई बाढ़
रोकने-टोकने वाला कोई है नहीं तो शहर में अवैध निर्माणों ने भी जोर पकड़ लिया है। रोके गए पुराने निर्माण तो चल ही पड़े, तमाम नए काम भी नक्शे के बिना या उसके विपरीत शुरू हो गए। महानंदपुर, सिविल लाइंस, सरस्वती नगर, सम्राट नगर, निराला नगर समेत कई जगह प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां उड़ रहीं हैं, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।
इनकी भी सुनें
महामारी का प्राधिकरण के कामकाज पर काफी असर पड़ा है। कई कर्मचारी पॉजिटिव हो गए थे। हालांकि, अब उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। धीरे-धीरे अब ये ड्यूटी पर वापस आ रहे हैं।
बीपी मौर्य
प्रभारी सचिव, आरडीए