पलटी मारने वाले जिपं सदस्यों पर कार्रवाई की तैयारी
रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक बार फिर टल गया। नौ सदस्यों ने डीएम
रायबरेली : जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक बार फिर टल गया। नौ सदस्यों ने डीएम से मिलकर अध्यक्ष के पक्ष में होने की बात बतायी। विरोध कर रहे सदस्यों द्वारा छल करके शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने की बात उन्होंने कही। जिस पर हस्ताक्षर सत्यापन को स्थगित कर दिया गया। साथ ही इसकी जांच के लिए एडीएम को नियुक्त किया। नोटरी और शपथ पत्र के गलत इस्तेमाल पर प्रशासन कार्रवाई करने के मूड में है।
15 अप्रैल को जिला पंचायत सदस्य राकेश कुमार की अगुवाई में अविश्वास प्रस्ताव के लिए पत्र व 31 सदस्यों के शपथ पत्र डीएम को दिए गए थे। जिस पर इन सभी सदस्यों को 20 अप्रैल को एडीएम वित्त एवं राजस्व की कोर्ट में आकर हस्ताक्षर सत्यापन के लिए कहा गया था। मगर 18 अप्रैल को इन्हीं में से नौ सदस्य डीएम से मिले। बताया कि चुनाव में पास बनवाने के लिए दो सदस्यों ने उनके सादे पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए और दो-दो फोटो ली। जब अखबार में अविश्वास प्रस्ताव की खबर पढ़ी तो उन्हें अपने साथ हुए छल का पता चला। अविश्वास प्रस्ताव के लिए वे राजी नहीं हैं। अगर उनके शपथ पत्र लगाए जाएं तो उन्हें निष्प्रभावी माना जाए।
जिस पर डीएम नेहा शर्मा ने हस्ताक्षर सत्यापन को स्थगित कर दिया। फिलवक्त शपथ पत्रों की जांच करायी जा रही है। एडीएम डा राजेश प्रजापति को जांच मिली है। साथ ही शपथ पत्र और नोटरी का गलत प्रयोग करने को लेकर भी जांच करायी जा रही है। जिसमें प्रशासन द्वारा ऐसे जिपं सदस्यों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। जिलाधिकारी बोलीं,
नौ सदस्यों ने बताया कि उन्होंने कोई शपथ पत्र नहीं दिया। गलत तरीेके से उनसे हस्ताक्षर करा लिए गए। इसलिए हस्ताक्षर सत्यापन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। जिन सदस्यों ने शपथ पत्र और नोटरी का गलत इस्तेमाल किया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
नेहा शर्मा, जिलाधिकारी