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मनोज को लेकर चर्चाओं का दौर

रायबरेली जब से योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी है। तब से रायबर

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 11:26 PM (IST)
मनोज को लेकर चर्चाओं का दौर
मनोज को लेकर चर्चाओं का दौर

रायबरेली : जब से योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़ी है। तब से रायबरेली की सियासत गरमा गई है। ऊंचाहार से सपा विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे मनोज पांडेय को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। खबर है कि सपा विधायक मनोज पांडेय स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में आने से नाराज हैं, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य को मनोज ने पिछले चुनाव में हराया था। मनोज की इसी नाराजगी का फायदा भाजपा उठाने की कोशिश में लग गई है। मनोज पांडेय का रायबरेली की राजनीति में बड़ा दखल मना जाता है। 2017 के विधान सभा चुनाव में वहीं सपा के एक मात्र उम्मीदवार थे, जो जीतकर विधान सभा पहुंचे थे। ऐसे में भाजपा, उनकी नाराजगी का फायदा उठाने की जुगत में पूरी ताकत से लग गई है। रायबरेली से लेकर दिल्ली तक इसको लेकर हलचल तेज हो गई है।

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- सुलतानपुर के मुल निवासी हैं मनोज पांडेय

पूर्व मंत्री मनोज पांडेय की रायबरेली की राजनीति में बड़ी धमक है। ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय का रायबरेली सदर सीट सहित जिले की अन्य सीटों के साथ ही अमेठी व सुलतानपुर में भी खासा प्रभाव है। मनोज मूल रूप से सुलतानपुर के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के गांव

कटकौली के निवासी हैं। इनके पिता स्व. रमाकांत पांडेय रायबरेली में वैद्य थे तो परिवार वहीं बस गया। उनके भाई राकेश पांडेय कांग्रेस के सक्रिय नेता हुआ करते थे। 1990 के दशक में जब भाई की हत्या हो गई तो भाई की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए मनोज पांडेय मैदान में आ गए। 2000 में नगर पालिका रायबरेली के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीते। बस, इसके बाद वह रायबरेली की राजनीति के केंद्र में आ गए।

- पहली बार सुलतानपुर की चांदा विधानसभा से लड़ा था चुनाव

वर्ष 2007 में मनोज पांडेय ने सुलतानपुर के चांदा विधानसभा सीट से सपा के सिबल पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बसपा के विनोद सिंह ने शिकस्त दे दी।

- दो बार स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को हराया

2012 और 2017 में मनोज पांडेय सपा के टिकट पर ऊंचाहार सीट से विधायक चुने गए। दोनों ही बार यहां से मनोज पांडेय के मुकाबले स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य चुनाव लड़े और उत्कर्ष को दोनों बार हार का सामना करना पड़ा।

- सपा में भी बड़ा है मनोज का राजनीतिक कद

पूर्व मंत्री मनोज पांडेय का सपा में बड़ा राजनीतिक कद है। वह 2004 में सपा की मुलायम यादव सरकार में राज्यमंत्री रहे तो 2012 में अखिलेश सरकार में मनोज पांडेय को कैबिनेट मंत्री बनाया गया और कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मनोज को मुलायम के साथ ही अखिलेश यादव का भी करीबी माना जाता है।


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