तारों की तरह जर्जर हो गई बिजली विभाग की 'जन शक्ति'
रायबरेली दो साल पहले एक अधीक्षण अभियंता और तीन एक्सईएन मिलकर बिजली आपूर्ति व्यवस्था देखते थे
रायबरेली : दो साल पहले एक अधीक्षण अभियंता और तीन एक्सईएन मिलकर बिजली आपूर्ति व्यवस्था देखते थे। समस्याएं तब भी कम नहीं थीं। इनकी संख्या दोगुनी होने के बाद भी उपभोक्ता मुश्किलों से जूझ रहे हैं। प्रबंधन ने दफ्तरों की संख्या तो बढ़ा दी, लेकिन संसाधन और मैन पावर (जनशक्ति) पर ध्यान नहीं दिया।
एक्सईएन और जेई से लेकर टेक्निकल ग्रेट-2 (टीजी-2 ) तक लगभग हर वर्ग के कुछ न कुछ पद रिक्त हैं। सबसे अधिक समस्या टीजी-2 की है। खामियाजा पांच लाख बिजली उपभोक्ता झेल रहे हैं।
इनसेट
दो तो कहीं तीन बाबू, कंप्यूटर तक का टोटा
बछरावां में बनाए गए उपखंड कार्यालय में एसडीओ शशांक गुप्ता की तैनाती है। मैन पावर के नाम पर दो बाबू और एक लिपिक मिला है। सफाई कर्मी तक नहीं। स्वच्छता की जिम्मेदारी भी ये कर्मचारी खुद उठाते हैं। सलोन के अधिशासी अभियंता एमके अहिरवार को कंप्यूटर तक नहीं मिला। निजी लैपटाप से काम चला रहे हैं। यही हाल लगभग सभी कार्यालयों का है। फैक्ट फाइल
5.25 - लाख उपभोक्ता
02 - मंडल कार्यालय
09 - खंड कार्यालय
17 - उपखंड कार्यालय
54 - बिजली उपकेंद्र
01 - नियुक्त अधीक्षण अभियंता
08 - एक्सईएन की तैनाती
24 - एसडीओ की तैनाती
35 - जेई की तैनाती
150 - टीजी-2 की तैनाती खंड स्तर पर स्वीकृत पद
01 - अधिशासी अभियंता
01 - सहायक अभियंता
01 - अवर अभियंता
12 - लिपिक
05 - चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपखंड स्तर पर स्वीकृत पद
02 - सहायक अभियंता
06 - अवर अभियंता
04 - लिपिक
02 - चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपकेंद्र स्तर पर स्वीकृत पद
01 - अवर अभियंता
36 - टेक्निकल ग्रेट-2
36 - कुशल श्रमिक
108 - अकुशल श्रमिक
36 - सब स्टेशन आपरेटर इनकी भी सुनें
फोटो संख्या 24 प्रबंधन की ओर से जो संसाधन व मैन पावर उपलब्ध कराया गया है, उसी के साथ बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। वाइएन राम अधीक्षण अभियंता, पावर कारपोरेशन