धूमिल हो रही क्रय केंद्रों पर धान बेचने की उम्मीदें
रायबरेली किसानों की क्रय केंद्रों पर धान बेचने की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। खरीद शुरू
रायबरेली : किसानों की क्रय केंद्रों पर धान बेचने की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। खरीद शुरू हुए एक माह बीत गए, लेकिन अधिकारी अभी तक व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं करा सके।
पूरी क्षमता से किसी क्रय केंद्र में अब तक खरीद नहीं की गई। सभी जगह खरीद के नाम औपचारिकताएं निभाई गई। इतना ही नहीं धीमी गति से दो चार दिन तौल करने के बाद केंद्र प्रभारी खरीद बंद कर देते हैं। किसानों को सिर्फ उम्मीदें बंधाई जा रही हैं। जिले में धान खरीदने के लिए 73 क्रय केंद्र खोले गए। इसका उद्देश्य किसानों से तौल कराकर न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिया जा सके। इस बार किसानों ने समय से पंजीकरण भी कराया। ताकि, उनकी पहले खरीद हो सके। तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों की उम्मीदें पूरी नहीं हो रही है। खरीद को एक माह बीतने के बाद भी प्रतिदिन 50 फीसद केंद्र बंद रहते हैं। इन केंद्रों पर बोरे की कमी और भंडारण की समस्याएं आ रही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कतें पीसीएफ के क्रय केंद्रों में हैं। पीसीएफ के जिम्मेदार अधिकारी भी इन्हें दूर करने में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। गेहूं बोआई और सहालग होने से किसानों को रुपये की जरूरत है। क्रय केंद्रों पर धान बेचने के बजाय किसान बाजारों में बेचने पर मजबूर हो रहे हैं। सिकरोढ़ी के सुनील कुमार, धनेश कुमार, अनिल कुमार समेत हजारों की संख्या में किसान हैं, जो धान बेचने के लिए दौड़ रहे हैं। इनका कहना है कि ज्यादा दिन वे इंतजार नहीं कर पाएंगे। वे बाहर बाजार में धान बेचने को विवश हो रहे हैं। इनकी सुनें, क्रय केंद्रों पर किसी तरह की समस्या नहीं है। किसान केंद्रों पर उपज लेकर जाएं और तौल कराएं। कोई समस्या होने पर केंद्र पर बैनर में प्रदर्शित नंबर पर फोन करके सूचना दें। तौल न करने वाले केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी।
रामानंद जायसवाल, जिला खाद्य विपणन अधिकारी