Move to Jagran APP

राजधानी से मोह, मरीजों से नहीं सरोकार

लखनऊ से करीब 45 किमी की दूरी पर हाईवे किनारे बछरावां सीएचसी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 11:27 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 11:27 PM (IST)
राजधानी से मोह, मरीजों से नहीं सरोकार
राजधानी से मोह, मरीजों से नहीं सरोकार

रायबरेली: लखनऊ से करीब 45 किमी की दूरी पर हाईवे किनारे बछरावां सीएचसी है। यहां डॉक्टर संग पर्याप्त स्टाफ की तैनाती तो है, लेकिन चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। कारण तैनाती के बाद राजधानी का मोह मरीजों पर भारी पड़ रहा है। ये हालात अभी नहीं बने बल्कि, काफी दिनों से हैं। सत्ता पक्ष के नेता तक इसकी शिकायत कर चुके हैं, इसके बावजूद मरीजों का सही से उपचार नहीं हो पा रहा है।

loksabha election banner

16 अप्रैल से अब तक यहां पर इमरजेंसी में सिर्फ 243 मरीजों का उपचार किया गया। डॉक्टरों ने अपने हिसाब से नियम बना रखे हैं। अधीक्षक डॉ. एके जैसर के अलावा डॉ. लक्ष्मी नारायण, डॉ. संजीव और डॉ. प्रभात मिश्रा की यहां तैनाती है। डॉ. संजीव को एल-टू हॉस्पिटल से संबद्ध किया गया है। डॉ. लक्ष्मी और डॉ. प्रभात 24-24 घंटे इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे हैं। पांच फार्मासिस्ट तैनात हैं, जिनमें से दो कंट्रोलरूम से संबद्ध हैं। एक कोरोना पॉजिटिव हैं और दो ड्यूटी कर रहे हैं। किसी तरह इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही हैं। यही वजह है कि मरीज यहां आने के बजाय निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।

रात में नहीं मिलतीं महिला डॉक्टर

यहां पर चार महिला डॉक्टरों की तैनाती है। ये सभी लखनऊ में रहती हैं। दिन में ड्यूटी है तो ये आती हैं, वरना रात में स्टाफनर्स और वार्डआया ही गर्भवती की देखरेख और प्रसव कराती हैं। इनमें से दो डॉक्टरों के लिए आवास भी आवंटित है, मगर कोई भी यहां रुकना नहीं चाहता।

पुरुष डॉक्टरों का भी यही हाल

सीएचसी में अधीक्षक समेत चार डॉक्टर हैं। ये सभी भी लखनऊ में ही रहते हैं। अधीक्षक के साथ डॉ. संजीव सिंह के लिए भी आवास आवंटित है, लेकिन कोई रहता नहीं है।

जर्जर भवन, जलभराव

अस्पताल में कुल 43 लोगों का स्टाफ है और आवास बने हैं सिर्फ 28। परिसर में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। आवास भी जर्जर हो चुके हैं, जिनकी मरम्मत की जहमत विभागीय अफसर नहीं उठा रहे हैं।

कई बार हो चुका है हंगामा

सीएचसी में अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार हंगामा हो चुका है। महिला डॉक्टरों के रात में न रुकने के संबंध में भी कई बार शिकायत हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉक्टरों ने सेटिग करके अपनी पोस्टिग सीएचसी में करा रखी है, ताकि वे आसानी से लखनऊ से आ-जा सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.