शहर में टिनशेड, कस्बों में खुले आसमान के नीचे पटाखा दुकानें
जागरण टीम, रायबरेली : पटाखा बाजार को लेकर प्रशासन की बेपरवाही शनिवार को खुलकर सामन
जागरण टीम, रायबरेली : पटाखा बाजार को लेकर प्रशासन की बेपरवाही शनिवार को खुलकर सामने आ गई। छोटी दिवाली के दिन बाजार में जमकर भीड़भाड़ रही। इसके उलट बाजार में दुकान लगाने वाले नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते दिखे। जिम्मेदार ऑफिस में ही बैठकर नियमों का अनुपालन करते नजर आए।
शहर में जीआइसी, गोरा बाजार, राजघाट, मुंशीगंज और आइटीआइ में पटाखा बाजार लगा है। यहां जिला मुख्यालय होने के चलते पुलिस और प्रशासन ने सख्ती बरती। नतीजतन, पांचों बाजारों में टिनशेड में ही दुकानें लगीं। इसके उलट तकरीबन सभी कस्बों और विकास क्षेत्रों में महज चादर तानकर दुकानें सजा दी गई। दुकानों के बीच तीन मीटर की दूरी के मानक को भी दरकिनार कर दिया गया। शिवगढ़ संवादसूत्र ने बताया कि एसडीएम स्टोनो सुषमा यादव ने थाना क्षेत्र में भवानीगढ़ चौराहे के बगल लगी पटाखा दुकानों का निरीक्षण किया। बावजूद इसके, कनात लगाकर दुकान खोलकर बैठे दुकानदारों को हिदायत तक नहीं दी गई, कार्रवाई करना तो दूर की बात है। शिवगढ़ के पंचायत भवन के बगल के प्रांगण में लगी पटाखा दुकानदारों के लाइसेंस देखे व बाहरी पै¨कग के पटाखों का सैंपल लिया गया। यहां भी दुकानें टिनशेड में नहीं लगी हैं। सलोन, लालगंज, महराजगंज, डलमऊ, ऊंचाहार समेत लगभग सभी तहसील व कस्बों में लगी बाजारों में कमोबेश यही अव्यवस्था देखने को मिली। सैंप¨लग के नाम पर हजम कर रहे पटाखे
बछरावां : कस्बा स्थित इंडोर स्टेडियम (किदवई पार्क) में पटाखा बाजार सजा है। बाजार में मानकों की अनदेखी का आलम ही कुछ और है। वहीं, सैंप¨लग के नाम पर जिम्मेदार दुकानदारों से कीमती पटाखे ले रहे हैं। पटाखों की सैंप¨लग की कोई रसीद भी दुकानदार को नहीं दे रहा। यहां एक भी दुकान टीनशेड में नहीं है। बालू भरी बाल्टी व पानी के ड्रम रखकर काम चलाया जा रहा है। कुछ ही दुकानों पर अग्निशमन यंत्र रखे गए हैं। दुकानों पर धूम्रपान निषेध के बोर्ड भी नहीं लगाए गए। छोटे-छोटे बच्चों को भी पटाखे बिना किसी वयस्क की उपस्थिति में बेचे जा रहे हैं। पॉलीथिन का खुलेआम उपयोग हो रहा है। अगर नियमों की अनदेखी हो रही है तो कारवाई की जाएगी। इस संबंध में संबंधित उप जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। कोई भी हादसा होता है तो उन्हीं की जिम्मेदारी बनती है।
-राम अभिलाष, एडीएम प्रशासन