सोने की चमक से लौटी सराफा बाजार की रौनक
- त्योहार संग शादियों का सीजन होने के चलते चांदी से ज्यादा सोने की खरीद पर जोर - बाजारों में खरीदारी को निकलने लगे हैं मध्यम वर्गीय परिवार व्यवसायियों की बढ़ी उम्मीदें
रायबरेली : सोना हो या चांदी। इनके कीमती आभूषणों का मूल्य पिछले साल की अपेक्षा इस बार दोगुना है। कोरोना काल में अर्थतंत्र डगमगा गया। पहले से तय शादियां भी टल गईं। जब बाजार खुले तो धीरे-धीरे हालात सुधरने शुरू हुए। अक्टूबर में चहल-पहल बढ़ी। नवरात्र में खरीदारी शुरू हुई। धनतेरस और दिवाली तक कारोबार 80 फीसद तक पहुंचने की उम्मीद कारोबारियों को है। मिडिल क्लास से ज्यादा उम्मीदें
सोने की खरीदारी मिडिल क्लास यानी मध्यम वर्गीय परिवार के लोग ज्यादा करते हैं। इनके यहां शादी में भी स्वर्ण आभूषण ज्यादा दिए जाते हैं ताकि कभी आर्थिक दिक्कत आए तो इनका इस्तेमाल करके वे परिस्थितियों को संभाल सकें। कोरोना काल में सबसे ज्यादा आर्थिक मार इन्हीं परिवारों को झेलनी पड़ी। अब त्योहार के साथ शादी का सीजन भी आ गया है, इसलिए मध्यम वर्गीय परिवार अपनी जमा पूंजी से ही सही, सोने की खरीदारी के लिए आने लगे हैं। उम्मीद है, बढ़ेगा व्यवसाय
अक्टूबर से स्थितियां सुधरने लगी हैं। पिछले वर्ष के सापेक्ष 50 फीसद तक सेल पहुंच गई है। सोने का दाम भले ही 30-32 हजार से 51 हजार के करीब पहुंच गया है, बावजूद इसके स्वर्ण आभूषणों की बिक्री चांदी से ज्यादा हो रही है। मोहन वर्मा, कैपरगंज युवा वर्ग आ रहा आगे सितंबर से ग्राहकों की आवक बढ़ी है। खासकर युवा वर्ग इस बार ज्यादा खरीदारी कर रहा है। हमारे यहां इस बार सोने की अपेक्षा चांदी के आभूषणों की बिक्री ज्यादा हो रही है।
सत्यम वाजपेयी, सुपर मार्केट पटरी पर लौट रही गाड़ी हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। पायल, अंगूठी, सोने की चेन जैसे आभूषण खरीदने के लिए ग्राहक आ रहे हैं। गोद भराई आदि कार्यक्रम होने लगे हैं, इस वजह से बाजारों में रौनक लौटने लगी है। उम्मीद है दिवाली तक काफी हद तक व्यवसाय में सुधार होगा। सचिन सोनी, गोरा बाजार