पांच करोड़ डकारने वाला चिट फंड कंपनी का प्रबंध निदेशक गिरफ्तार
ऊंचाहार में चार एजेंटों के माध्यम से दो हजार लोगों से जमा कराए गए थे रुपये
रायबरेली: दो हजार लोगों के पांच करोड़ रुपये डकारने वाले चिट फंड कंपनी के मालिक गिरफ्तार कर लिया गया। मामला मिलएरिया थाने का है।
रुस्तमपुर निवासी शिव बहादुर मौर्य ने ग्रीन इंडिया बायोटेक फारेस्ट लिमिटेड, ग्रीन इंडिया म्यूचुअल बेनिफिट लिमिटेड समेत अन्य नाम से कई कंपनी खोल रखी थी। सलोन, ऊंचाहार, लालगंज और मलिकमऊ में इनकी शाखाएं थीं। इनमें जमीन देने और रकम दोगुणा करने के नाम पर लोगों से रुपये जमा कराए जाते थे, फिर डकार लिया जाता था। एसपी श्लोक कुमार के निर्देश पर 22 अक्टूबर को मिल एरिया थाने में 26 लोगों ने एफआइआर दर्ज कराई थी। सीओ सिटी वंदना सिंह ने बताया कि विवेचना के बाद कंपनी के प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया।
सिर्फ चार ने ही जमा कराए थे पांच करोड़
विवेचक मनोज कुमार यादव ने बताया कि ऊंचाहार के अनिल मौर्य, रमाकांत पांडेय, अविनाश गुप्त और सरफराज भी इस कंपनी में एजेंट थे। इन्होंने लोगों के करीब पांच करोड़ रुपये जमा कराए थे। इसी तरह के 30 एजेंट सिर्फ ऊंचाहार में हैं। अन्य लोगों के कितने रुपये हैं, इसकी छानबीन चल रही है।
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प्रयागराज और वाराणसी तक बिछा रखा है जाल
पुलिस के मुताबिक आरोपित शिव बहादुर मौर्य ने प्रयागराज के मेजा रोड पर ग्रीन टाउन निधि लिमिटेड, वाराणसी के मैमूरगंज में ग्रीन काशी निधि लिमिटेड, लालगंज, मीरजापुर में ग्रीन विन्ध्य निधि लिमिटेड और कानपुर में ग्रीन उमंग निधि लिमिटेड नाम से भी शाखाएं खोल रखी हैं।
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हाल ही में बेची थी पांच करोड़ की जमीन
विवेचक का कहना है कि सबसे बड़ी जालसाजी भूमि को लेकर होती थी। कई मामले ऐसे भी मिले हैं, जिनमें खाताधारक कंपनी से मिले भूमि के अनुबंध लिए घूमते रहे और उनकी जमीन बिक गई। हाल ही में अमावां रोड पर ग्रीन इंडिया कृषि फार्म के नाम से पंजीकृत 10 बीघा भूमि पांच करोड़ में बेची गई थी।