झूठे आंकड़ों के सहारे धरा को बना रहे हरा-भरा
रायबरेली : धरती हरा भरा रहे। सबको स्वच्छ हवा मिले। इसके लिए हर साल वन विभाग की ओर से लाखों पौधे रोपित कराए जाते हैं। विभाग के जिम्मेदारों द्वारा स्थल चयन से लेकर पौधारोपण तक सबकुछ में पारदर्शिता का दावा किया जाता है। हकीकत में कुछ और ही है। हाल ही में सेटेलाइट से वन विभाग की ऐसी ही एक कारगुजारी सामने आई है। इसमें नगर वन के लिए उस क्षेत्र का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया, जहां पर पहले से ही काफी हरियाली है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने मौके पर मुआयना किया तो उन्हें यहां पहले से ही टीक के पेड़ लगे हुए मिले। इसके बाद प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया। हकीकत सामने आने के बाद वन विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है। पोल खुलने के बाद विभाग के अफसर अब लीपापोती करने में लगे हुए हैं।
चार स्थानों का भेजा गया था प्रस्ताव
वन विभाग की ओर से जिले के चार स्थानों को चिन्हित कर प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसमें भदोखर, राजापुर, मेरूई और गंगापुर शामिल थे। भदोखर में पहले से काफी संख्या में टीक के पड़े लगे मिले, जिसे निरस्त कर दिया गया। वहीं अन्य दो भी मानक पूरे नहीं कर रहे थे। इसके बाद राजापुर को चुना गया।
50 हेक्टेयर में बनेगा नगर वन
नगर वन के लिए 50 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। इसके दो तिहाई भाग को वन के रूप में विकसित किया जाएगा। शेष क्षेत्रफल में मृदा और जल संरक्षण संबंधी कार्य होंगे। इसके साथ ही चिल्ड्रेन पार्क, नक्षत्र वाटिका, नवगृह वाटिका के अलावा झूले, औषधीय वाटिका, नाना-नानी पार्क, योगा पार्क, ओपेन जिम, राक गार्डन समेत अन्य सुविधाएं होंगी।
जिले में एक स्थान पर ही नगर वन बनना है। विभाग से चार स्थानों को चिन्हित किया गया। इसमें भदोखर भी शामिल था। एक प्रक्रिया के तहत भदोखर समेत तीन स्थानों के प्रस्ताव का नामंजूर कर दिया गया। सलोन तहसील क्षेत्र के राजापुर स्थित वन ब्लाक को नगर वन के रूप में विकसित किया जाएगा।
सुरेश कुमार पांडेय, डीएफओ