मार्ग प्रकाश पर लाखों खर्च, फिर भी गांव की गलियों में अंधेरा
रायबरेली: गांवों के विकास पर हर साल लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। कहीं पर स्ट्रीट लाइटें तो कहीं पर सोलर लाइटें लगाईं जा रहीं हैं। इसके बाद भी लालगंज में गांवों की गलियों में सूरज ढलते ही अंधेरा हो जाता है।
ब्लाक की 56 ग्राम सभाओं में 1159 स्ट्रीट लाइटें बिजली के खंभों में राज्य वित्त योजना के तहत लगवाई गईं थीं। जागरण टीम जब गांवों में इनका हाल देखने पहुंची तो इनमें से बहुत सी खराब मिलीं। हरीपुर में सुरेश, जयशंकर, संतोष के दरवाजे और प्राथमिक विद्यालय के पीछे बिजली के खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइटें खराब थीं। ग्रामीणों ने बताया कि महीनों से यह नहीं जलीं। इसी तरह पूरे ओरी में कृष्ण बिहारी दीक्षित के दरवाजे लगी लाइट को दुरुस्त कराने के लिए खोला गया था, लेकिन अब तक नई लाइट नहीं लगी। नन्हकऊ, रामबरन पासवान के दरवाजे लगी लाइटें भी शोपीस बनकर रह गईं थीं। पूरे बाबा मजरे सेमरपहा, सेमरपहा में भी कुछ ऐसे ही हालात दिखाई दिए। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन जलने के बाद ही स्ट्रीट लाइटें खराब हो गईं थीं। ज्यादातर गांवों में स्ट्रीट लाइटों की ऐसी ही दशा है।
गांवों में लगी जो स्ट्रीट लाइटें खराब हो गईं हैं, उन्हीं चिन्हित कराकर जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा। साथ ही नई लाइटें लगवाने के लिए भी सर्वे कराया जा रहा है।
शोएब अहमद, एडीओ पंचायत