मतदान केंद्रों में रैंप नहीं तो कहीं शौचालय बदहाल
रायबरेली विधानसभा चुनाव करीब आ चुका है। शासन-प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देने के आ
रायबरेली : विधानसभा चुनाव करीब आ चुका है। शासन-प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देने के आदेश दिए हैं। बैठकों में नियमित समीक्षा भी की जा रही है। उच्चाधिकारियों के आदेशों पर कहीं भले ही अमल हो रहा हो, लेकिन यहां तो जिम्मेदार सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ाने में जुटे हैं। मतदान केंद्र ही अब तक दुरुस्त नहीं किए जा सके हैं। पहले से चुस्त-दुरुस्त और सुविधाओं से परिपूर्ण विद्यालय दिखाकर अधिकारी वाहवाही लूट रहे हैं। जबकि, बहुत से मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां अब भी सुविधाओं का अकाल है। रैंप नहीं है तो कहीं पर शौचालय बदहाल है। पेश है एक रिपोर्ट.. दृश्य एक
नहीं पड़ी शौचालय पर नजर
ग्राम पंचायत सूरजपुर में प्राथमिक विद्यालय जगन्नाथपुर मतदान केंद्र हैं। यहां पर दो बूथ बनते हैं। एक हजार से अधिक वोटर यहां पर हैं। व्यवस्थाओं का आलम यह है कि न तो यहां पर रैंप है और न ही शौचालय दुरुस्त कराया गया। जबकि, कई बार अधिकारी आए और निरीक्षण कर चले गए। किसी को यह खामी नजर नहीं आई। दृश्य दो
रास्ते की सूरत देख सहम जाते वोटर
ग्राम देहली के मतदान केंद्र कंपोजिट विद्यालय में तीन मतदेय स्थल बनते हैं। लगभग ढाई हजार वोटर मतदान करेंगे। इस केंद्र का रास्ता इतना बदहाल है कि सुरक्षित पहुंचना भी मुश्किल रहता है। आसपास के लोग किसी तरह आ जाते हैं। लगभग तीन किमी दूर वाजिदपुर के वोटर मतदान के दिन घरों से निकलने में कतराते हैं। दृश्य तीन
बूथ चार, रैंप किसी में नहीं
गूढ़ा ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। यहां लगभग पांच हजार वोटर हैं। इनके लिए कंपोजिट विद्यालय में मतदान केंद्र बनाया जाता है। पहले जिन भवनों में चार बूथ बनते थे, अब वह गिर चुके हैं। अतिरिक्त कक्षों में बूथ बनाने की तैयारी है, लेकिन इनमें से किसी में भी रैंप नहीं है। जबकि, गांव में कई दिव्यांग वोटर भी हैं।
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मतदान केंद्रों में सुविधाओं को लेकर किसी को फिक्र या पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। हम खुद इसे देख रहे हैं। जहां जो खामियां होंगी, उन्हें दूर कराया जाएगा।
सालिगराम
एसडीएम, महराजगंज