चोरों के अंतरजनपदीय गिरोह का राजफाश, 31 कारें बरामद
रायबरेली : एसओजी और शहर पुलिस ने चोरों के अंतरजनपदीय गिरोह का राजफाश किया है। अलग-अलग जिलों और प्रांतों से चोरी की गई 31 कारें बरामद की गई हैं। गिरोह में शामिल छह युवकों को जेल भेजा गया है।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने गुरुवार को पुलिस लाइंस में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि शहर के गोरा बाजार मैदान के पास से 29 लग्जरी गाड़ियां खड़ी होने की सूचना मिली। एसओजी और शहर पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो चोरों के अंतरजनपदीय गिरोह के बारे में पता चला। ये सभी कारें लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, हरियाणा और असम से चोरी करके यहां लाकर छिपाई गई थी। हाल ही में इस गिरोह के दो चोर लखनऊ में पकड़ लिए गए थे, जिसके बाद चोरी के सभी वाहनों को यहां लाकर छिपाया गया था। पुलिस ने बस्ती जिले के मोरैया पोस्ट पोखरा निवासी संतोष कुमार, सीतापुर के चौवा बेगमपुर पोस्ट बसारा थाना महौली निवासी प्रिंस मिश्रा, हरदोई जिले के धर्मापुर थाना बेहटा गोकुल निवासी राजीव कुमार सिंह, संतकबीर नगर के भदाह चौराहा थाना खलीलाबाद निवासी अब्बास, बहराइच के गंडारा थाना कैसरगंज निवासी नूरुल अंसार और गोरखपुर के जद्दू पट्टी थाना सिकरीगंज निवासी कमालू को जेल भेजा है। इसी गिरोह के छह सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
टोटल लास गाड़ियों का लेते थे सहारा
चोरी की गई गाड़ियों को बेचने के लिए बदमाश टोटल लास यानी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त गाड़ियों का सहारा लेते थे। ऐसी गाड़ियों का बीमा क्लेम लेने के बाद लोग इन्हें कबाड़ में बेच देते हैं। इन्हीं गाड़ियों का नंबर, इंजन और चेचिस नंबर चोरी की गई गाड़ियों पर लिखवा दिया जाता था और उसी से कूटरचित कागजात तैयार करा लिए जाते थे। मतलब जो गाड़ी कबाड़ी खत्म कर चुका है, उसे कागजों पर जिंदा कर दिया जाता था। इसमें एआरटीओ आफिस में सक्रिय दलालों की भी मदद ली जाती थी। कार सेल बाजार लगाने वालों को ये गाड़ियां कम दामों में बेच दी जाती थी। टोटल लास में जो गाड़ी इन्हें मिलती थी, बाजार से उसी माडल की कार चोरी की जाती थी, ताकि बेचते वक्त कोई शक न कर सके।
इनकी रही अहम भूमिका
शहर कोतवाल राघवन कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी अमरेश त्रिपाठी, सर्विलांस प्रभारी प्रवीर गौतम, इंदिरा नगर चौकी इंचार्ज विवेक त्रिपाठी, दुर्गेश सिंह, राजीव शुक्ल, पंकज यादव, मानसिंह यादव की अहम भूमिका रही।