कहीं रूट डायवर्जन में न फंस जाए गरीबों का निवाला
गोदाम से कोटेदारों तक पहुंचाने में पुलिस रोक-टोक से बढ़ीं मुश्किलें
रायबरेली : अनाज वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार की ओर से सिगल स्टेज डिलीवरी व्यवस्था पहले महीने ही चरमराने लगी है। गोदाम से उठान के बाद कोटेदारों तक पहुंचाने में अफसरों को पसीना छूट रहा है। इसकी वजह पुलिस विभाग द्वारा रूट डायवर्जन और वाहनों को लेकर रोक-टोक है। अक्टूबर का अंतिम सप्ताह चल रहा है। अभी भी 35 प्रतिशत दुकानदारों को अनाज नहीं मिला है। ऐसे में नवम्बर का खाद्यान्न वितरण व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
जिले में 1156 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें हैं। अभी तक एफसीआइ से गोदाम, फिर कोटेदार तक पहुंचाया जाता था। इससे अनाज के कालाबाजारी की संभावनाएं काफी बढ़ जाती थीं। सरकार की ओर से पारदर्शिता लाने के लिए एफसीआइ से सीधे कोटेदार तक पहुंचाने की व्यवस्था शुरू की गई। यह व्यवस्था पहले नगर निकाय में लागू हुई, इसके बाद पूरे जिले में प्रभावी कर दी गई। जिला पूर्ति विभाग की ओर से रूट चार्ट भी तय कर दिया गया। नवम्बर में वितरण के लिए उठान भी शुरू हो गई। इस दौरान अनाज से भरे वाहनों को दिन में शहर के अंदर प्रवेश करने से रोका जा रहा है। वहीं, विभिन्न कोतवाली, थाने और पुलिस चौकियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद अफसरों को अब समय से दुकानदारों को अनाज उपलब्ध कराने की चिता सता रही है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम लिमिटेड के जिला प्रबंधक दुर्गेश तिवारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। साथ ही जिला पूर्ति विभाग को पत्र भी भेजा गया है। कोशिश है कि समय से सभी दुकानों को खाद्यान्न पहुंचा दिया जाए। वितरण को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।