अपनों की याद में छलक आए आंसू, बोली आर्मी में बनूंगी डॉक्टर
- हाईस्कूल में अनुष्का को मिला जिले में दूसरा स्थान दादा को बताया अपना आदर्श
रायबरेली : हर मुश्किल को पार किया। अपने आदर्श दादा के सपनों को साकार करने में जी जान लगा दिया। सफलता मिली तो मानो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा हो। शुक्रवार को शहर के एक होटल में पहुंची तो साथियों ने हाथोंहाथ। हर किसी ने बधाई दी। खुशी के इस पल में पापा की याद आई तो आंखों में आंसू छलक आए।
रॉयन इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा अनुष्का तिवारी ने 98.4 प्रतिशत अंक प्राप्त गौरव बढ़ाया है। उसके पिता संतोष कुमार तिवारी भोपाल में एक फार्मा कम्पनी मेकं रीजनल मैनेजर पद पर तैनात हैं। वहीं दादा ओंकारनाथ तिवारी आरपीएफ रिटायर्ड हैं। परीक्षा का परिणाम आया तो खुशी से चहक उठी। लेकिन इस घड़ी में पिता को अपने पास नहीं पाकर आंसू को नहीं रोक सकी। बोली दादाजी तो आदर्श हैं। लेकिन पापा को भी मिस कर रही हूं। भावुक होकर कहा कि आर्मी में जाने का सपना है। आगे चलकर सेना में डॉक्टर बनूंगी इनसेट
शिक्षा के साथ खेल में भी चैंपियन
एक गवई कहावत है कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे महान, खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे खराब। लेकिन अनुष्का ने इसे झुठला दिया। पढ़ाई के साथ खेल में भी चैंपियन रही। वॉलीबाल में नेशनल में दूसरा तो बैडमिटन में तीसरा स्थान हासिल किया। कहती है कि खेल से शिक्षा कतई प्रभावित नहीं होती है। हर दिन शाम को अभ्यास करती हूं। आगे भी खेल में बेहतर प्रदर्शन करूंगी।