बड़बोले डॉक्टर के अस्पताल का लाइसेंस निलंबित
तीन अधिकारियों की बनी जांच टीम प्रारंभिक आख्या में दर्ज की गईं हैं कई खामियां अभी नहीं लिखा गया मुकदमा जबकि वीडियो ने शर्मसार किया स्वास्थ्य महकमे को
रायबरेली : 18-20 पहलवान यहां इकट्ठा हो जाते हैं। यहीं जमीन में दफना देंगे। आठ साल की बेटी की मौत के बाद तड़पती और फफक कर रोती हुई मां को जिस डॉक्टर ने ऊपर लिखे शब्दों से धमकाया था। सोमवार को उसके नर्सिंग होम का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। जिस डॉक्टर की क्रूरता वाले वीडियो ने पूरे जिले को ही शर्मसार कर दिया है। उसे देखने के बाद प्रशासन भी कार्रवाई के लिए कुछ आगे बढ़ा। कागजी कोरम करने के लिए एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और सीएमओ की जांच टीम बनी। प्रारंभिक रिपोर्ट के मिलते ही शुरुआती कार्रवाई भी कर दी गई है। हालांकि अभी मुकदमा नहीं लिखाया गया है, इसके लिए मुख्य जांच आख्या का इंतजार है।
मरीजों को पहुंचाया जा रहा जिला अस्पताल
आस्था चाइल्ड केयर सेंटर का लाइसेंस निलंबित होने के कारण अब वहां सेवाएं रोक दी गई हैं। जो बच्चे वहां भर्ती थे, उन्हें जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। इसके अतिरिक्त रविवार देर रात अपर जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जांच करने पहुंचे। उन्होंने डॉ. चंदेल से पूछताछ की। अस्पताल के उस वार्ड को भी देखा जहां बच्ची महक भर्ती थी।
सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ धिक्कार
एक डॉक्टर की हरकत सबको उंगली उठाने का अवसर दे दिया। सोमवार को सोशल साइट पर डॉक्टर चंदेल को धिक्कारा जाता रहा। उनकी विधा के लोगों ने लानत, मलानत करी है। जेजे प्लाजा में क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है, वायरल वीडियो में डॉक्टर साहब का व्यवहार अमानवीय और निदनीय है। इसके अलावा सामाजिक, राजनैतिक और मीडिया से जुड़े लोगों ने डॉक्टर की फोटो चस्पा कर कड़े शब्दों से निदा की है।
ऐसा डॉक्टर तो कोरोना योद्धा नहीं हो सकता
हमने हालात तो नहीं देखे। डॉ. चंदेल का वो वीडियो ही हमने देखा है। उसके पीछे क्या कारण थे, हम लोगों को नहीं पता हैं। हां, अगर कोई उपद्रव, बवाल कर रहा था या व्यवस्था में खलल पैदा कर रहा था तो कानूनन कार्रवाई के प्रयास होने चाहिए थे। हम डॉक्टर हैं कोई गुंडे नहीं हैं। उन्होंने जो किया, उसे कोई जायज नहीं कह सकता। ऐसे डॉक्टर कोरोना योद्धा नहीं हो सकते हैं। लेकिन, वे पूरे समाज का दर्पण भी नहीं हैं। चिकित्सकों ने महामारी के दौरान सबसे बड़ा योगदान दिया है।
-डॉ. केपी वर्मा, अध्यक्ष आइएमए कोट
अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। सीएमओ की रिपोर्ट आने पर तय होगा कि मुकदमा दर्ज कराया जाएगा या नहीं।
-वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी