लोनिवि के अधिशासी अभियंता उच्च न्यायालय में तलब
240 करोड़ की रिगरोड परियोजना पर कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख बहु प्रतीक्षित परियोजना की प्रगति के बारे में शपथपत्र देने के दिए निर्देश
रायबरेली : अधूरी रिगरोड को लेकर उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता को तलब कर लिया है। 14 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर शपथपत्र देने के निर्देश दिए हैं।
नगर को जाम और भारी वाहनों के आवागमन से निजात दिलाने के लिए 240 करोड़ की 17 किमी लंबी रिगरोड का खाका खींचा गया था। वर्ष 2014 में निर्माण शुरू हुआ था। शारदा सहायक नहर की पटरी के किनारे यह रोड बननी थी। महराजगंज रोड पर हरदासपुर के पास से शुरू होकर कुचरिया में लखनऊ-प्रयागराज नेशनल हाईवे से इसे मिलाना था। दो साल में इसे बनकर तैयार होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। साल दर साल बीतते गए और नगरवासियों की समस्याएं बढ़ती गईं। सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री शशिकांत शर्मा ने इसे लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। तब से लगातार उच्च न्यायालय की इस परियोजना पर नजर है। न्यायालय की सख्ती के बाद ही रिगरोड निर्माण में कुछ तेजी आई है।
पिछले साल नवंबर में मिली जिम्मेदारी
पिछले साल नवंबर में इस अधूरी परियोजना को पूरी करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को दी गई थी। उम्मीद थी कि इसके बाद काम को रफ्तार मिलेगी। स्थिति अब भी जस की तस है। महज 25 फीसद काम हो सका है।
एनटीपीसी से राख न मिलने के कारण काम प्रभावित है। राख के बगैर होने वाले कार्य चल रहे हैं। हाईकोर्ट में कार्य की प्रगति का विवरण देना है। इसके लिए 14 दिसंबर की तिथि तय है।
धर्मवीर सिंह
अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग खंड