बभनपुर गांव के कण-कण में है क्रांति गौरव गाथा
रायबरेली : आजादी की क्रांति से लेकर ऊंचाहार को गौरव दिलाने में क्षेत्र के बिकई बभनपुर
रायबरेली : आजादी की क्रांति से लेकर ऊंचाहार को गौरव दिलाने में क्षेत्र के बिकई बभनपुर गांव के योगदान ने इसे अलग पहचान दिला दी है। गांव के तीन किसानों ने स्वाधीनता संग्राम में योगदान देकर गांव के गौरव को बढ़ाया है। इसके साथ ही यहां के किसानों ने एनटीपीसी की स्थापना के लिए अपनी जमीन देकर क्षेत्र के विकास में अहम त्याग को प्रदर्शित किया है।
ऊंचाहार नगर से करीब तीन किमी दूरी पर स्थित गांव बभनपुर बिकई अपने गौरवशाली अतीत के लिए जाना जाता है। आजादी के आंदोलन के दौरान नमक सत्याग्रह और लगान बंदी में गांव के किसान जगदीश नारायण मालवीय, भोला तिवारी और महादेव मालवीय के क्रांतिकारी जज्बे ने इस गांव को चर्चा में ला दिया था। तीनों क्रांतिकारी जेल गए और आज अमर हो गए हैं। करीब आठ हजार आबादी वाले इस गांव में कुल 7 मजरे बिकई, भीटा, मीरापुर दमगनिया, फरीदपुर, बहेरवा चौराहा और रिसाल का पुरवा है।एनटीपीसी की स्थापना में बिकई की अहम भूमिका
बात सन 1983 की है। भारत की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने जब ऊंचाहार में पॉवर परियोजना के स्थापना के लिए स्थान के चयन को सोचा तो बिकई गांव के किसानों ने आगे बढ़कर अपनी जमीन देने की पेशकश की। उसके बाद उस समय राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने भूमिका अधिग्रहण किया और थर्मल पावर प्रोजेक्ट की नींव रखी गयी। कालांतर में इस परियोजना को भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनटीपीसी ने अधिग्रहीत कर लिया। इस परियोजना में बिकई गांव के सैकड़ों किसानों की भूमि का अधिग्रहण हुआ था। एनटीपीसी ने दिया है रोजगार
एनटीपीसी ने गांव के लोगों को रोजगार भी दिया है। गांव के मेवालाल जायसवाल, रज्जन लाल जायसवाल, राम प्रकाश, निरंजन प्रसाद, मंगलेश कुमार, राम आसरे, राज कुमार, अनिल श्रीवास्तव और संजय ¨सह एनटीपीसी में विभिन्न पदों पर कर्मचारी हैं। इसके अलावा गांव के अन्य लोग भी एनटीपीसी में किसी न किसी रूप में रोजगार से जुड़े हुए हैं। सरकारी सेवाओं में गांव के लोगों का योगदान
बिकई गांव के बड़ी संख्या में लोग सरकारी सेवा में रहकर सेवा कर रहे हैं। गांव के बाल जी मालवीय जिला सहायक प्रतिरक्षण अधिकारी के पास से सेवा मुक्त हो चुके हैं जबकि बृजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी नायब तहसीलदार व राजमुनुवा त्रिपाठी राजस्व निरीक्षक के पद से सेवा मुक्त हुए हैं। वर्तमान में गांव के अनिल त्रिपाठी जलसेना, आलोक त्रिपाठी इंजीनियर, आकांक्षा मालवीय स्वास्थ विभाग, आदर्श कुमार और दीपकएकुमार सीआइएसएफ, मदुरेश त्रिपाठी, अनामिका त्रिपाठी, पुतून निर्मल, राज शेखर, अनिल कुमार, सुमन, हेमलता और हरिश्चंद्र शिक्षक हैं। गांव के फूलचंद पंचायत विभाग और अजय कुमार सूचना विभाग में कर्मचारी हैं।सुविधाएं
बिकई गांव में एक प्राथमिक व एक पूर्व माध्यमिक स्कूल है। इसके अलावा एक एनएमएन सेंटर भी है। गांव के स्कूल के पास आंगनबाड़ी सेंटर है। इसके अतिरिक्त गांव में मूलभूत जरूरतों की कोई सुविधा नहीं है। गांव में आने जाने के लिए एकमात्र रास्ता एनटीपीसी के आवासीय परिसर और संयंत्र क्षेत्र की बाउंड्री के बीच से बना हुआ है। गांव के रास्तों की दशा बहुत ही खराब है। सड़क केवल नाम की हैं। पूरी सड़क खतरनाक गड्ढों में तब्दील है जिनमे अक्सर पानी भरा रहता है।
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प्रधान
गांव की महिला प्रधान फूलकली जायसवाल का कहना है कि गांव में जरूरतों का अभाव है। बगल में एनटीपीसी होने के कारण पूरा गांव प्रदूषण से ग्रसित है लेकिन गांव के गरीब लोगों को स्वास्थ सेवाओं की कोई सुविधा नहीं है। गांव के जो मजदूर काम करते हैं, उनको सस्ता इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए।
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पूर्व प्रधान
गांव के पूर्व प्रधान पुत्ती लाल मौर्य का कहना है कि गांव के लोगों के सामने स्वच्छ जल की समस्या है। गांव के ज्यादातर हैंडपंप एनटीपीसी द्वारा अधिक जलदोहन के कारण बंद हो गए हैं। गांव में पानी की टंकी का निर्माण होना चाहिए। गांव के रास्तों को ठीक किया जाना चाहिए।