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जल शक्ति मंत्रालय ने लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट

डलमऊ (रायबरेली) गंगा का पानी आखिर क्यों लाल हुआ इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। जल शक्ति

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:05 AM (IST)
जल शक्ति मंत्रालय ने लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट
जल शक्ति मंत्रालय ने लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट

डलमऊ (रायबरेली) : गंगा का पानी आखिर क्यों लाल हुआ, इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। जल शक्ति मंत्रालय के निर्देश पर पहले गंगा विचार मंच के पदाधिकारियों ने हालात देखे, फिर दोपहर बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम पहुंची और सैंपल लिया।

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केंद्र और प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी गंगा प्रदूषण से मुक्त नहीं हो पा रही हैं। बीच में हालात कुछ सुधरे थे, मगर इन दिनों डलमऊ में स्थितियां फिर वही पुरानी लौटने लगीं। गंदगी के कारण यहां पानी का रंग कुछ लाल नजर आता है। दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में इस खबर को 'प्रदूषण से कराह रही गंगा, पानी खोल रहा पोल' शीर्षक से प्रकाशित किया। यही खबर सोशल मीडिया और ट्वीटर पर छा गई। जिसके बाद जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह व गंगा विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. भरत पाठक ने इसे संज्ञान लिया। गंगा विचार मंच अवध प्रांत के सह संयोजक योगेंद्र शुक्ल को एक घंटे में जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए।

योगेंद्र शुक्ल ने डलमऊ के राजघाट, रानी शिवाला घाट व वीआइपी घाट पर पहुंच कर गंगा के दूषित पानी को देखा। दूषित पानी की फोटो और गंगा में गिर रहे नाले की वीडियो बनाकर मंत्रालय को भेजा। उन्होंने बताया कि डलमऊ में गंगा प्रदूषित तो है, लेकिन पानी का रंग कैसे बदला यह जांच का विषय है। इसी के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी एक टीम डलमऊ पहुंची और पानी के सैंपल लिए। टीम में जूनियर रिसर्च फेलो नागमणी और सहायक सुरेंद्र कुमार शामिल रहे।


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