सील इमारतों की सूची से बड़े-बड़ों का नाम गायब
--- शासन से मांगी गई जानकारी देने में विकास प्राधिकरण ने किया खेल -कार्रवाई के बाद भी संचालित किए जा रहे व्यवसायिक प्रतिष्ठान
रायबरेली : नियमों के विपरीत हुए बनाए गए भवनों को बचाने में आरडीए के अफसर ही मददगार हैं। आलम यह है कि शासन से मांगी की सील इमारतों की सूची बनाने में भी जिम्मेदार खेल कर गए। इसमें बड़े-बड़ों के नाम गायब कर दिए।
कचहरी रोड, कैनाल रोड, सुपर मार्केट में शॉपिग कांप्लेक्स की भरमार है। इसके अलावा दर्जनों की संख्या में दुकानों वाली दो से तीन मंजिला इमारतें प्रमुख सड़कों पर देखने को मिल जाएंगीं। बात इनके निर्माण में नियमों की करें तो एक भी आरडीए के मानकों पर सटीक नहीं बैठतीं। कई जगह आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक निर्माण कराया गया है। इन बड़ी इमारतों में ज्यादातर भवन ऐसे हैं, जो कागजों पर अब भी सील हैं, लेकिन मौके पर इनमें शॉपिग मॉल या विभिन्न प्रतिष्ठान चल रहे हैं। हाल ही में जब शासन ने तीन साल के अंदर सील की गईं इमारतों की सूची मांगी तो लगा कि शायद अब बिल्डरों पर शिकंजा कस जाएगा। अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने वाले प्राधिकरण के अभियंताओं ने इसमें भी अपना हाथ दिखा दिया। प्रमुख इलाकों की चर्चित और बड़ी अवैध इमारतों को छोड़ दिया। सूची में ज्यादातर उनके नाम शामिल किए गए जो विभिन्न मुहल्लों में छिटपुट निर्माण करा रहे थे।
इनसेट
शासन को भेजी 97 इमारतों की सूची
शासन के निर्देश पर आरडीए ने उन 97 निर्माणों को चिन्हित किया है, जिन्हें तीन साल के अंदर सील किया गया है। इस सूची में गोकुलपुर मोड़, महराजगंज रोड, खुचमा रोड गंगागंज, धमसीराय का पुरवा, अमावा रोड, सिविल लाइंस, निराला नगर, पीएसी के निकट, सम्राट नगर समेत अन्य इलाकों के निर्माण शामिल हैं।
इनकी भी सुनें
बड़े निर्माणों का नाम सूची में शामिल न होने की जानकारी नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा। जानकारी के बाद उचित कार्रवाई होगी।
बीपी मौर्य
प्रभारी सचिव, आरडीए